यूपी में एनडीए को 30 सीटों का नुकसान: वोट शेयर 8% घटा; सपा ने 37, कांग्रेस ने 6 सीटें जीतीं; मोदी के 7 मंत्… – Dainik Bhaskar

Spread the love

यूपी की 80 सीटों के रिजल्ट आ गए हैं। भाजपा को बड़ा नुकसान हुआ है। एनडीए को 36 सीटें मिली हैं, जबकि इंडी गठबंधन को 43 सीटें मिली हैं। 2019 की तुलना में देखा जाए तो एनडीए को 30 सीटों का नुकसान और इंडी गठबंधन को 39 सीटों का फायदा हुआ है।
अगर पार्टीवाइज बात की जाए तो सपा को 37, भाजपा को 33, कांग्रेस को 6, रालोद को 2, अपना दल (एस) को एक सीट मिली है। वहीं, एक सीट पर आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर ने जीत हासिल की है। NDA गठबंधन 2019 की तुलना में घटकर 64 से 35 सीट पर पहुंच गया। वोट शेयर 8% घटकर 42% के करीब आ गया।
इंडी गठबंधन यानी सपा-कांग्रेस के वोट शेयर में पिछले चुनाव से करीब दोगुना उछाल आया है। सपा को 33% जबकि कांग्रेस को 9% वोट मिले हैं। 2019 में दोनों दलों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था, तब 24% वोट (कांग्रेस-6%, सपा-18%) मिले थे।
अखिलेश यादव इस चुनाव में बड़ा चेहरा बनकर उभरे हैं। उन्होंने सपा को अब तक की सबसे बड़ी जीत दिलाई है। सपा को 2019 में मिलीं 5 सीटों से वह 37 सीट पर ले आए। सपा अपने इतिहास में लोकसभा में कभी भी इतनी सीटें हासिल नहीं की।
अयोध्या भी 54567 वोट से हारी भाजपा
नतीजों में भाजपा को यूं तो कई झटके लगे हैं, लेकिन अयोध्या का परिणाम सबसे चौंकाने वाला रहा है। अयोध्या के जिस राम मंदिर को भाजपा ने पूरे देश में मुद्दा बनाया था, वहां 10 साल बाद भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह 55 हजार वोटों से सपा प्रत्याशी अवधेश प्रसाद से हार गए।
पीएम का मार्जिन घटा, 7 केंद्रीय मंत्री हारे
भाजपा की तैयारी काशी से पीएम मोदी को रिकॉर्ड वोटों से जिताने की थी, लेकिन पीएम मोदी के जीत का मार्जिन 2014 और 2019 से कम रहा। मोदी 1 लाख 52 हजार 513 वोट से जीते हैं। जबकि उनके खिलाफ चुनाव लड़ रहे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को 4 लाख 60 हजार 457 वोट मिले हैं।
मोदी सरकार के 11 मंत्री यूपी से चुनाव मैदान में थे। इनमें से 7 चुनाव हार गए। सबसे बड़ा उलटफेर अमेठी में हुआ। यहां केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को केएल शर्मा ने करारी शिकस्त दी। 2019 में राहुल गांधी को स्मृति ईरानी ने 55 हजार वोट से हराया था। जबकि केएल शर्मा ने 1 लाख 67 हजार वोटों से स्मृति को हराया है।
मुजफ्फरनगर से संजीव बालियान, लखीमपुर खीरी से अजय मिश्र टेनी, चंदौली से महेंद्र नाथ पांडेय, जालौन से भानु प्रताप वर्मा, फतेहपुर से साध्वी निरंजन ज्योति और मोहनलालगंज से कौशल किशोर भी चुनाव हार गए।
योगी सरकार के 2 मंत्री भी हारे
योगी सरकार के दो मंत्री भी चुनाव हार गए। रायबरेली से दिनेश प्रताप सिंह को राहुल गांधी ने 3 लाख 90 हजार वोट से हराया। मैनपुरी से जयवीर सिंह को भी डिंपल यादव ने 2 लाख 21 हजार वोट से हराया। पीलीभीत में पीडब्लूडी मंत्री जितिन प्रसाद और हाथरस से अनूप वाल्मिकी चुनाव जीत गए हैं।
मेनका, निरहुआ हारे, बृजभूषण का बेटा और अरुण गोविल जीते
9 बार की सांसद मेनका गांधी सुल्तानपुर से चुनाव हार गईं। सपा प्रत्याशी रामभुआल निषाद ने उन्हें 43 हजार वोट से हराया। वहीं, आजमगढ़ से भाजपा प्रत्याशी दिनेश लाल निरहुआ चुनाव हार गए हैं। 2022 के उपचुनाव में उन्होंने धर्मेंद्र यादव का हराया था। इस बार धर्मेंद्र ने 1 लाख 61 हजार वोट से उनको हराया है।
कैसरगंज से बृजभूषण का बेटा 1 लाख 43 हजार वोट से जीत गए। मेरठ से रामायण सीरियल में भगवान राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल महज 10 हजार वोट से चुनाव जीते हैं।
यादव कुनबा जीता, इंडी गठबंधन के 6 में से 5 मुस्लिम प्रत्याशी जीते
यादव परिवार से लोकसभा चुनाव में 5 प्रत्याशी उतरे थे, सभी चुनाव जीत गए हैं। कन्नौज में अखिलेश ने भाजपा के सुब्रत पाठक को 1 लाख 70 हजार वोट से हराया। मैनपुरी में डिंपल ने मंत्री जयवीर सिंह को 2.21 लाख से हराया। वहीं, आजमगढ़ से धर्मेंद्र यादव, फिरोजाबाद से अक्षय और बदायूं से आदित्य यादव चुनाव जीत गए।
इंडी गठबंधन ने 6 मुस्लिम प्रत्याशियों को टिकट दिया था। सपा ने 4 और कांग्रेस ने 2। इनमें 5 प्रत्याशी चुनाव जीत गए। अमरोहा में बसपा छोड़कर कांग्रेस जॉइन करने वाले सांसद दानिश अली 28 हजार वोट से हार गए। सहारनपुर से इमरान मसूद, गाजीपुर से अफजाल अंसारी, कैराना से इकरा हसन, संभल से जियाउर्रहमान बर्क, रामपुर से मोहिबुल्लाह नदवी चुनाव जीत गए हैं।
कांग्रेस के 17 प्रत्याशी में से 6 जीते
राहुल-प्रियंका और अखिलेश के साथ ने कांग्रेस को एक सीट से 6 सीट पर पहुंचा दिया। 2019 में कांग्रेस सिर्फ रायबरेली की सीट जीती थी, यहां से सोनिया गांधी सांसद बनीं। एक वक्त पर कांग्रेस का गढ़ रही प्रयागराज (इलाहाबाद) में 40 साल बाद कांग्रेस ने जीत हासिल की है।
1984 के कांग्रेस के टिकट पर आखिरी बार अमिताभ बच्चन ने जीत हासिल की थी। सहारनपुर से इमरान मसूद, बाराबंकी से पूर्व केंद्रीय मंत्री पीएल पुनिया का बेटा तनुज पुनिया, सीतापुर से राकेश राठौर ने भी जीत हासिल की है।
राजभर और संजय निषाद के बेटे हारे
सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर के बेटे और एनडीए प्रत्याशी अरविंद राजभर घोसी से चुनाव हार गए। सपा प्रत्याशी राजीव राय ने उन्हें एक लाख 62 हजार वोट से हराया है। वहीं, निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद संतकबीर नगर से 92 हजार वोट से हार गए। सपा प्रत्याशी लक्ष्मीकांत पप्पू निषाद ने उनको शिकस्त दी।
रालोद ने दोनों सीटें जीतीं, अनुप्रिया एक सीट हारीं
चुनाव से ठीक पहले अखिलेश से गठबंधन तोड़कर एनडीए में शामिल जयंत फायदे में रहे हैं। सीट शेयरिंग में रालोद को दो सीटें बिजनौर और बागपत मिली थीं। बिजनौर से रालोद प्रत्याशी चंदन चौहान 37 हजार वोट से जीते। उन्होंने सपा प्रत्याशी दीपक को हराया। बागपत से रालोद के राजकुमार सांगवान ने अमरपाल को 1 लाख 69 वोटों से हराया।
अपना दल (एस) की प्रमुख अनुप्रिया पटेल मिर्जापुर से चुनाव जीत गईं। लेकिन, रॉबर्टसगंज से अपना दल (एस) प्रत्याशी रिंकी कोल 1 लाख 29 हजार वोट से चुनाव हार गईं।
मायावती ने 79 प्रत्याशी उतारे थे, सभी हार गए
मायावती ने 2024 चुनाव अकेले लड़ा था, 79 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे। सभी हार गए। बसपा की स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एक भी सीट पर बसपा दूसरे नंबर पर भी जगह नहीं बना पाई है। 2019 में मायावती ने सपा के साथ चुनाव लड़ा था, तब पार्टी को 10 सीटें मिली थीं। जबकि 2014 में मोदी लहर में मायावती ने अकेले चुनाव लड़ा था। तब भी वह शून्य पर सिमट गई थी।
नोएडा से महेश शर्मा की सबसे बड़ी जीत
नोएड से भाजपा प्रत्याशी महेश शर्मा ने यूपी में सबसे बड़ी जीत हासिल की। उन्होंने सपा प्रत्याशी महेंद्र सिंह नागर को 5 लाख 59 हजार वोट से हराया। सबसे छोटी जीत हमीरपुर के सपा प्रत्याशी अजेंद्र सिंह लोधी की रही। कुंवर पुष्पेंद्र सिंह चंदेल को महज 2629 वोट से हराया।
जीत के बाद राहुल ने कहा-यूपी की जीत के पीछे प्रियंका
नतीजों के बाद राहुल गांधी ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा- यूपी की जनता से संविधान बचाने का काम किया। यूपी की जीत के पीछे प्रियंका की मेहनत रही है। बेशुमार मोहब्बत देने के लिए रायबरेली की जनता का धन्यवाद। अगर मेरे बस में होता, तो मैं दोनों ही जगह का सांसद बने रहना पसंद करता।
3 जिलों में सपा-कांग्रेस कार्यकर्ता भिड़े
रिजल्ट का असर सपा-कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर पड़ा। लखीमपुर खीरी में सपा कार्यकर्ताओं ने हंगामा कर दिया। कार्यकर्ताओं की पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स से नोकझोंक हुई। इसके बाद सपा कार्यकर्ताओं ने जवानों पर पानी की बोतल और जूते-चप्पल फेंके। पुलिस ने लाठी फटकारकर उन्हें खदेड़ा।
फर्रुखाबाद में सपा-भाजपा कार्यकर्ताओं भिड़ गए। पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा। पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी छोड़े। लखनऊ में भी सपा-भाजपा कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए।
Copyright © 2023-24 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.

source

Previous post UP Lok Sabha Chunav Result Live: उत्तर प्रदेश लोकसभा चुनाव 2024 के मुख्य और ताजा समाचार – अमर उजाला
Next post Lok Sabha Chunav 2024 Winner List: आपकी लोकसभा सीट से किस पार्टी को मिली जीत, कौन चुना गया सांसद? देखें सभी राज्यों की 543 सीटों की लिस्ट – Aaj Tak

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *