युगांडा के जीएम शुगर मिल में फंसे 3 भारतीय वतन वापस आ गए है। मेरठ के रहने वाले अशोक शर्मा भी अपने घर पहुंच गए। वो सबसे पहले मेरठ आकर राज्यसभा सांसद डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी से मिले।
भारत वापस आने वालों में मुजफ्फनगर का योगेश और रुढ़की का सुखराम भी शामिल है। इन तीनों ने बताया, अभी 4 लोग और युगांडा में फंसे हैं। जिन्हें जीएम शुगर मिल की तरफ से प्रताड़ित किया जा रहा है। इन भारतीयों ने अपना दर्द बताया।
इतना टॉर्चर किया कि एक ने सुसाइड कर लिया
रुड़की निवासी सुखराम ने बताया-हम तो रोजगार के लिए युगांडा गए थे, लेकिन वहां हमें दहशत और पछतावा मिला। जान बचाना भी मुश्किल हो गया। जीएम शुगर मिल के स्टाफ ने हमें बहुत टॉर्चर किया है। हमें ये भी पता चला कि पहले इस मिल में गुजरात के एक आदमी ने इसी टॉर्चर से तंग आकर सुसाइड कर लिया था। हम तो सरकार की मदद से सकुशल अपने घर वापस लौट आए लेकिन उस व्यक्ति की लाश भी भारत नहीं आ पाई।
उन्होंने बताया, मैं जॉब के सिलसिले में अब तक इससे पहले 7-8 देशों में जा चुका हूं। हम 7 लोग गए थे। 3 वापस आए हैं। 4 अभी वहां फंसे हैं। जीएम शुगर मिल और एचके शुगर के सीईओ राजीव सिंघल हैं। जो खुद हिंदुस्तानी है। उनके थ्रू मेरा अपॉइंटमेंट एचके शुगर जी2 में हुआ था। 6 मार्च को मैं वहां पहुंचा। प्लांट में प्रोडक्शन शुरू हो गया। लेकिन 2 महीने बाद ही हमारा उत्पीड़न शुरू हो गया। प्रोडक्शन उतना नहीं निकला। प्लांट 100 टन का है और 300 टन की क्रेशिंग जा रही है। इसके चलते दबाव बनने लगा। जब हमने कहा, हमें वापस हमारे घर भेज दो तो हमें झूठे केस में जेल में डालने या 5 लाख रुपए उनको देने की धमकी दी गई। उनके ऑपरेशन मैनेजर योगेश पटेल ने हमें बॉयलर में झोंकने की धमकी दी। हमने किसी तरह राज्यसभा सांसद से कांटेक्ट किया। इनकी मदद से हम आज वतन अपने परिवार में वापस आए हैं।
क्षमता से अधिक उत्पादन करने का दबाव
भारत लौटे मेरठ, सरधना के करनावल अशोक शर्मा ने बताया कि हमने तो घर वापसी की उम्मीद छोड़ दी थी। कई बार लगता खुद को खत्म कर लें। लेकिन सरकार और हमारे राज्यसभा सांसद लक्ष्मीकांत वाजपेयी की मदद से हम वापस आ गए हैं।
अशोक ने बताया, हम लोगों से जीएम शुगर मिल में सीमा से अधिक काम करने का दबाव डाला जाता है। युगांडा में हमारा बहुत उत्पीड़न हुआ। झूठा केस लगाकर वहां जेल में डालने की धमकी दी गई। तब मैंने किसी तरह वीडियो बनाकर शेयर किया। हमें उम्मीद नहीं थी कि हम वापस घर भी आ पाएंगे। हमें पूरे 4 महीने वहां उत्पीड़न किया गया है। जब हमने मालिक से कहा कैपेसिटी से ज्यादा प्रोडक्शन इस प्लांट में नहीं दे सकते। तो उसने हमें बॉयलर मे डालकर जिंदा मारने की धमकी भी दी। हमने कहा काम छोड़कर घर वापस जाना चाहते हैं, हमें घर भेज दो तो कहा गया कि हिंदुस्तान वापस नहीं जाने दिया जाएगा।
5 लाख रुपए मांगे, मारने की धमकी दी
भारत वापस लौटे इन 3 मजदूरों में मुजफ्फरनगर के योगेश कुमार भी हैं। योगेश ने बताया, मुझसे ज्यादा खुशी मेरे परिवार को है। ये एक तरह से मेरा दूसरा जीवन हैबताते बताते रोने लगे, बच्चे बहुत ज्यादा परेशान थे, भारतीय सरकार के सहयोग से यह संभव हुआ हम वापस लौट सके।
मैं वहां 90 हजार रुपए के वेतन पर था, मैन्युफैक्चरिंग कैमिस्ट था। वो हमसे प्लांट को क्षमता से ज्यादा प्रोडक्शन लेना चाहते थे, जो इंपॉसिबल था, जब हम जॉब छोड़कर घर वापस आना चाहते थे, तो उन्होंने कहा कि छह महीने फ्री में काम करो। नहीं तो जेल में डाल देंगे वहां बहुत ज्यादा उत्पीड़न है जो चार लोग हां फंसे हैं वो बहुत बुरी हालत में हैं उनको भी जल्दी वहां से निकाला जाए।
लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने की फोन पर बात
युगांडा में फंसे 4 अन्य भारतीयों से डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने वीडियो कॉल पर बात कर उन्हें सांत्वना दी कि उनको भी जल्द वतन वापस बुलाया जाएगा। कहा देश में मोदी सरकार विदेश में फंसे हर भारतीय की मदद को तत्पर है।
कहा कि एमएलसी धर्मेंद्र भारद्वाज, बृजेश चौधरी मेरे पास ये मैटर लेकर आए थे। इसके बाद मैंने विदेश मंत्रालय को चिट्ठी लिखी थी। मेरी चिट्ठी पर विदेश मंत्री ने संज्ञान लिया। चिट्ठी पर 7 घंटे में ही युगांडा में भारतीय दूतावास के अधिकारी तक मेरी चिट्ठी पहुंची।
अगले ही दिन भारतीय दूतावास युगांडा के अधिकारी इन लोगों के पास पहुंचे और इन्हें वतन वापसी का काम किया। जो 4 लोग बचे हैं वो भी जल्द भारत आएंगे। अगर प्लांट के लोग उन्हें रोकने की कोशिश करेंगे तो प्लांट बेशक बंद हो जाए लेकिन वो हिंदुस्तानी वापस देश आएंगे।
सांसद ने ये भी कहा कि जीएम शुगर मिल जिसके मालिक, जीएम, मजदूर हिंदुस्तानी हैं। वहां भारतीयों के साथ ऐसा दुव्यवहार, उनका शोषण न किया जाए। उस मिल को भी बंद कराने का प्रयास भारत सरकार से करुंगा।
Copyright © 2023-24 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.