NEET पर संसद के दोनों सदनों में विपक्ष का हंगामा: कांग्रेस अध्यक्ष वेल में पहुंचे; सभापति धनखड़ बोले- यह संस… – Dainik Bhaskar

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संसद सत्र के पांचवें दिन शुक्रवार (28 जून) को NEET मुद्दे के चलते दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ। लोकसभा में कार्यवाही हंगामे के चलते 1 जुलाई तक स्थगित कर दी गई। हालांकि राज्यसभा में कार्यवाही रुक-रुककर चलती रही। बाद में इसे भी 1 जुलाई तक स्थगित कर दिया गया।
दरअसल, विपक्ष NEET पर चर्चा की मांग को लेकर स्थगन प्रस्ताव लाया था। लोकसभा स्पीकर ने कहा कि नियमों के मुताबिक राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद के बीच स्थगन प्रस्ताव नहीं लाया जाता। जबकि राज्य सभा में 22 सांसदों के नोटिस को सभापति ने खारिज कर दिया।
24 जून से शुरू हुआ संसद का यह सत्र 3 जुलाई तक चलेगा। राज्य सभा में पीएम मोदी 3 जुलाई को चर्चा का जवाब दे सकते हैं।
दोनों सदनों में ऐसी रही 5वें दिन की कार्यवाही
राज्यसभा : खड़गे वेल में पहुंचे तो भड़क गए सभापति धनखड़
लोकसभा : कांग्रेस का आरोप- राहुल गांधी का माइक बंद किया गया
राज्यसभा में सुधांशु बोले- जब भी वे (कांग्रेस) सत्ता में आए संविधान खतरे में था
राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा- बात सिर्फ आपातकाल की नहीं है। मैं याद दिलाना चाहता हूं कि जब भी वे सत्ता में आए, संविधान खतरे में था। जब राजीव गांधी सत्ता में आए, तो सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसला दिया और वो फैसला शरिया के खिलाफ लग रहा था, तब इस देश की संसद ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को रोक दिया और शरिया को संविधान से ऊपर रख दिया था”
संसद के दोनों सदनों में दिनभर के अपडेट्स जानने के लिए नीचे पढ़े…
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, “अगर सरकार ने ईमानदारी से काम किया होता तो हवाई अड्डा नहीं गिरता, ट्रेन दुर्घटना भी नहीं होती और राम मंदिर की छत से पानी नहीं टपकता। इससे पता चलता है कि उनकी नीयत ठीक नहीं है और उनका केवल पैसे और घोटालों से संबंध है।”
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस पार्टी की राज्यसभा सांसद फूलो देवी नेताम से मिलने आरएमएल अस्पताल पहुंचे।
फूलो देवी के बेहोश होने के बाद भी सदन चलते रहने पर रेणुका चौधरी ने आरोप लगाया कि एक महिला सांसद की जान की कोई कीमत नहीं है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज राज्यसभा में ऐसी घटना हुई। एक महिला सांसद बेहोश हो गई और उसका बीपी लगभग स्ट्रोक के लेवल पर था। हमारे 12 सांसद उसे अस्पताल ले जा रहे हैं। सत्र अभी भी चल रहा है, क्या एक महिला सांसद की जान की कोई कीमत नहीं है? मैं इस व्यवहार से हैरान हूं।
सीपीआई सांसद पी संतोष कुमार ने राज्यसभा की कार्यवाही जारी रहने की निंदा करते हुए कहा, “हमारी एक सांसद फूलो देवी नेताम जो सुबह से ही (नीट मुद्दे पर विरोध कर रही थीं, बेहोश हो गईं और उसके बाद भी कार्यवाही स्थगित नहीं की गई। यह दिखाता है कि यह सरकार कितनी निर्दयी है।”
कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर राज्यसभा के चेयरमैन धनखड़ बोले कि नेता प्रतिपक्ष ने सदन से बाहर जाकर विरोधाभासी बयान दिया। वे वेल में आए थे।
धनखड़ ने कहा कि इस तरह का घटिया व्यवहार हर भारतीय को दुख पहुंचाता है और हमारी संस्था को शर्मसार करता है। पांच दशक से ज्यादा का अनुभव रखने वाले मल्लिकार्जुन खड़गे को सदन में घुसते, अनियंत्रित व्यवहार करते और गलत सूचना फैलाते देखना मेरे लिए बहुत दुखद था।
नेताओं को अनुकरणीय आचरण का उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए। यह हमारे लोकतंत्र को कलंकित और अपमानित करता है। व्यवस्था के रखवालों का ऐसा व्यवहार बहुत गंभीर है और मेरे लिए और भी अधिक दुखदायी है।
इस बीच सांसद कविता पाटीदार ने धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा जारी रखी।
राज्यसभा में हंगामे के बाद कार्यवाही को 10 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “सरकार हर तरह की चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन सब कुछ परंपरा और मर्यादा के भीतर होना चाहिए। जब ​​कल राष्ट्रपति ने खुद अपने भाषण में परीक्षा के बारे में बात की, तो इससे सरकार की मंशा का पता चलता है कि हम किसी भी मुद्दे का सामना करने के लिए तैयार हैं। सरकार की जिम्मेदारी देश के युवाओं के प्रति है, देश के छात्रों के प्रति है। सरकार अपना पक्ष रखने के लिए तैयार है, फिर भ्रम क्या है? हम सख्त से सख्त कार्रवाई करने जा रहे हैं और सीबीआई सबको पकड़ने जा रही है, हम किसी को नहीं छोड़ेंगे। सुधार के लिए एक हाई लेवल कमेटी भी बनाई गई है, जल्द ही उन सभी परीक्षाओं की तारीख भी घोषित की जाएगी। मैं विपक्ष से भी अनुरोध करता हूं कि वे राजनीति से बाहर आएं और चर्चा में शामिल हों।”
दोपहर 2 बजे से राज्यसभा की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई। सुधांशु त्रिवेदी ने स्पीच देना शुरू किया है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि “यह राज्यसभा के चेयरमैन जगदीप धनखड़ की गलती है। मैं उनका ध्यान खींचने के लिए अंदर गया था। लेकिन तब भी वे नहीं देख रहे थे। वे केवल सत्ता पक्ष को देख रहे थे। नियमानुसार उन्हें मेरी तरफ देखना चाहिए, लेकिन उन्होंने जानबूझकर मुझे अनदेखा करके मेरा अपमान किया। तो मेरे लिए क्या बचा था? मुझे या तो अंदर जाना होगा या बहुत जोर से चिल्लाना होगा। इतने बड़े घोटाले हुए हैं, NEET परीक्षा हुई है, पेपर लीक हुआ है, लाखों बच्चे परेशान हैं। इसलिए हमने एक चर्चा की मांग की। लेकिन उन्होंने इसे मौका ही नहीं दिया, इस पर ध्यान ही नहीं दिया और इसलिए हमें यह करना पड़ा।”
राज्यसभा में जेपी नड्‌डा की स्पीच के बीच लगातार नारेबाजी होती रही। उधर, सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि यह दिन भारतीय संसद के इतिहास में एक धब्बा बन गया है कि विपक्षी नेता खुद वेल में आ गए, जो पहले कभी नहीं हुआ। मैं व्यथित हूं, मैं हैरान हूं कि संसदीय परंपराएं इस हद तक गिर सकती हैं कि विपक्षी नेता वेल में आ गए। इसलिए सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित की जाती है।”
विपक्ष में सुधांशु त्रिवेदी और सदन के नेता जेपी नड्‌डा के बोलने पर नारेबाजी जारी है। विपक्ष झूठ बोलना बंद करो, NEET पर जवाब दो, पेपर चोरी बंद करो जैसे नारे लगा रहे हैं।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा स्थगित होने पर कांग्रेस की आलोचना की। उन्होंने कहा, “सरकार की ओर से हमने साफ कर दिया है जो भी मुद्दा उठाया जाएगा, हम उस पर पूरी जानकारी देंगे। हम भरोसा दिलाते हैं कि सरकार हमेशा चर्चा के लिए तैयार है। लेकिन सदन की कार्यवाही को रोककर, सदन को चलने नहीं देने की कांग्रेस पार्टी की प्रवृत्ति ठीक नहीं है।मैं इसकी निंदा करता हूं। मैं अपील करता हूं कि ऐसा दोबारा न हो।”
सुधांशु त्रिवेदी के वक्तव्य के बीच विपक्ष ने वी वॉन्ट जस्टिस के नारे लगाना शुरू कर दिया है। इस बीच सुधांशु ने कहा कि यह चुनाव इस देश के लिए एक ऐतिहासिक चुनाव था। वे अपने तीसरी कोशिश में तीन अंकों का आंकड़ा पार नहीं कर सके। चुनाव के बाद, उनके चेहरों पर चमक देखें, उनकी आवाज की धमक देखें। ऐसा लगता है कि उन्होंने कोई बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है। इसके पीछे का कारण वैसा ही है जैसे एक बच्चा जो टॉपर होता है, वह डिस्टिंक्शन मार्क्स की उम्मीद करता है लेकिन उसे फर्स्ट डिवीजन मार्क्स मिलते हैं। एक बच्चा जो बार-बार फेल होता है और ग्रेस मार्क्स पाकर पास हो जाता है, उसके चेहरे पर खुशी बेमिसाल होती है। हमारा विपक्ष दो बॉडीगार्ड के साथ फर्स्ट डिवीज़न हासिल करने की खुशी मना रहा है।”
राज्यसभा में पूर्व पीएम देवेगौड़ा ने केंद्र सरकार का बचाव करते हुए कहा कि जांच पूरी होने तक आप संसद में NEET मुद्दे पर बहस नहीं कर सकते… सरकार ने अपना कर्तव्य निभाया है, जांच जारी है और जब तक यह पूरी नहीं हो जाती, मानव संसाधन विकास मंत्रालय कोई निर्णय नहीं ले सकता। मैं सभी से अनावश्यक हंगामा न करने की अपील करता हूं।”
राज्यसभा की कार्यवाही जारी है, जहां सुधांशु त्रिवेदी बोल रहे हैं। इस बीच विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी शुरू कर दी।
इस बीच पूर्व पीएम देवेगौड़ा ने NEET मुद्दे पर बोलने का समय मांगा।
कार्यवाही दोबारा शुरू होने के बाद विपक्ष ने हंगामे के साथ-साथ नारेबाजी भी शुरू कर दी। जिसके बाद स्पीकर ओम बिरला ने सदन को 1 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया।
लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे दोबारा शुरू हो गई है। हालांकि लोकसभा में एक बार फिर विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया है। संसद में 22 सांसदों ने NEET पर चर्चा को लेकर स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है।
संसद के दूसरे सदन राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा जारी है। जहां सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने चर्चा की शुरुआत की। विपक्ष ने यहां भी NEET मुद्दे को लेकर हंगामा किया। जिसके चलते राज्यसभा चेयरमैन जगदीप धनखड़ ने कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
लोकसभा अध्यक्ष ने सदन में हंगामा बढ़ता देख सदन की कार्यवाही को 12 बजे तक स्थगित कर दिया।
लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने के 10 मिनट बाद ही सदन में हंगामा शुरू हो गया। विपक्ष ने NEET पर चर्चा की मांग की। लेकिन अध्यक्ष ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण के बीच में कभी स्थगन प्रस्ताव नहीं लिया जाता।
लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हो गई है। लोकसभा में अध्यक्ष ओम बिरला ने सबसे पहले वरिष्ठ नेताओं के निधन पर शृद्धांजलि दी।
पहले सत्र के पांचवें दिन की कार्यवाही शुरू होने से पहले लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी संसद परिसर के मकर द्वार के पास प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वे NEET पेपर लीक मामले पर चर्चा करेंगे।
राज्यसभा में कांग्रेस सांसद नासीर हुसैन और IUML सांसद अब्दुल वाहेब ने NEET पेपर लीक पर चर्चा के लिए सदन में स्थगन प्रस्ताव रखा है। दरअसल, स्थगन प्रस्ताव संसदीय कार्यवाही की एक असाधारण प्रक्रिया है। इस प्रस्ताव को स्वीकार किए जाने पर सदन के रूटीन के काम को स्थगित कर दिया जाता है और उस मुद्दे पर चर्चा की जाती है, जिसका जिक्र प्रस्ताव में किया जाता है।
24-25 जून: सांसदों ने शपथ ली, मोदी के शपथ लेते वक्त राहुल ने संविधान की प्रति दिखाई
18वीं लोकसभा का 24 जून सोमवार को पहला दिन रहा। 24 और 25 जून को सांसदों को शपथ दिलाई गई। पीएम नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले सांसद पद की शपथ ली। विपक्ष संविधान की कॉपी लेकर संसद पहुंचा। मोदी के शपथ लेते वक्त राहुल ने भी हाथ उठाकर संविधान की प्रति दिखाई।
सत्र शुरू होने के पहले मोदी ने 14 मिनट 28 सेकेंड के भाषण में इमरजेंसी, नए संसद भवन, नए सांसदों, जिम्मेदार विपक्ष, तीसरे कार्यकाल, विकसित भारत पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि भारत के लोकतंत्र और लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा करते हुए देशवासी संकल्प लेंगे कि भारत में फिर कभी कोई ऐसी हिम्मत नहीं करेगा, जो 50 साल पहले की गई थी।
वहीं, विपक्षी सांसदों ने भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर बनाए जाने पर विरोध-प्रदर्शन किया। सांसदों ने संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने संविधान की कॉपी लहराई और संविधान बचाओ के नारे लगाए।
ओम बिरला लगातार दूसरी बार लोकसभा के स्पीकर चुने गए। बुधवार, 26 जून को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही प्रोटेम स्पीकर भतृर्हरि महताब ने स्पीकर के चुनाव की घोषणा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिरला के नाम का प्रस्ताव रखा।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत NDA के नेताओं ने समर्थन किया। सदन में ध्वनिमत से बिरला के नाम का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया गया। इसके बाद PM मोदी और विपक्ष के नेता राहुल गांधी उन्हें चेयर तक छोड़ने आए।
वहीं, 18वीं लोकसभा में राहुल गांधी विपक्ष के नेता होंगे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर इंडिया गठबंधन के नेताओं की बैठक के बाद इसकी घोषणा की गई। राहुल अपने 20 साल के पॉलिटिकल करियर में पहली बार कोई संवैधानिक पद संभालेंगे। वे इस पद पर रहने वाले गांधी परिवार के तीसरे सदस्य होंगे। इससे पहले उनके पिता और पूर्व PM राजीव गांधी 1989-90 और मां सोनिया 1999 से 2004 तक इस पद पर रह चुकी हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 50 मिनट के अभिभाषण में पेपर लीक, महिलाओं, युवाओं, किसानों, गरीबों के बारे में बात की। उन्होंने कहा- पेपर लीक करने वालों को कड़ी सजा दिलाई जाएगी। उन्होंने सेना को आत्मनिर्भर बनाने की तैयारियां भी बताईं। नॉर्थ-ईस्ट में शांति के लिए सरकार के प्रयासों का भी जिक्र किया। राष्ट्रपति ने कहा- अगले बजट सत्र में बड़े फैसले लिए जाएंगे। उन्होंने आपातकाल को संविधान पर सीधा हमला बताया, यह भी कहा- देश ने इस हमले से उबरकर दिखाया।
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