PM Modi in Parliament Live : लोकसभा में पीएम मोदी बोले- शरीर का कण-कण विकसित भारत के सपने को साकार करने… – Newstrack

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लोकसभा में पीएम मोदी (सोशल मीडिया) 
PM Modi in Parliament : संसद सत्र के आज 7वें दिन दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा जारी है। धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज लोकसभा में जवाब देंगे। पीएम मोदी राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का कल जवाब दे सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब दे रहे हैं। लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “सभापति जी, मैं राष्ट्रपति जी के भाषण के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए उपस्थित हुआ हूं। राष्ट्रपति जी ने विकसित भारत के संकल्प को विस्तार दिया है। आदरणीय राष्ट्रपति महोदय जी ने अहम विषय उठाए हैं। उन्होंने हम सबका और देश का मार्गदर्शन किया है। इसके लिए मैं राष्ट्रपति जी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।’ पीएम मोदी ने अपनी बात जारी रखते हुए आगे कहा, ‘हमने दुनिया को दिखा दिया कि ये विश्व का सबसे बड़ा चुनावी अभियान था। देश की जनता ने दुनिया के सबसे बड़े चुनावी अभियान में हमें चुना है। मैं कुछ लोगों की पीड़ा समझ सकता हूं कि लगातार झूठ चलाने के बावजूद उनकी घोर पराजय हुई। लोकसभा में प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान लगातार हंगामा होता रहा। स्पीकर ओम बिरला ने कहा, “ये ठीक नहीं है।”
पीएम मोदी ने आगे कहा, “जनता ने हमारी 10 साल की सरकार का ट्रैक रिकॉर्ड देखा है। हमने जनसेवा ही ईश्वर सेवा को मंत्र बनाकर काम किया है। देश ने हमें भ्रष्टाचार को लेकर जो जीरो टॉलरेंस नीति है, उसके लिए आशीर्वाद दिया है। आज विश्व में भारत का गौरव हो रहा है। दुनिया में साख बढ़ी है। भारत को देखने का गौरवपूर्ण नजरिया भी हर भारतवासी अनुभव कर रहा है। हमारा एकमात्र लक्ष्य नेशन फर्स्ट है। भारत सर्वप्रथम है। हमारी हर नीति, हर निर्णय, हर कार्य का एक ही तराजू रहा है- भारत प्रथम। भारत प्रथम की भावना के साथ जो जरूरी रिफॉर्म थे, उनको भी लगातार जारी रखा है। 10 साल में हमारी सरकार सबका साथ, सबका विकास के मंत्र को लेकर के सबका कल्याण करने का प्रयास करती रही है।
इस देश ने लंबे अरसे तक तुष्टिकरण की राजनीति भी देखी और तुष्टिकरण की गवर्नेंस का मॉडल भी देखा। देश ने पहली बार देखा कि सेक्यूलरिज्म के नाम पर हमने तुष्टिकरण नहीं, संतुष्टिकरण के विचार को लेकर चले हैं। जब हम संतुष्टिकरण की बात करते हैं तो इसका मतलब है कि आखिरी व्यक्ति तक लाभ पहुंचे। जब हम सैचुरेशन के सिद्धांत की बात करते हैं तो ये सच्चे अर्थ में सामाजिक न्याय और सेक्यूलरिज्म होता है। इस पर देश की जनता ने हमें तीसरी बार बैठाकर मुहर लगा दी है। अपीजमेंट ने देश को तबाह करके रखा है। हम जस्टिस टू ऑल, अपीजमेंट टू नन का सिद्धांत लेकर चले हैं।”
पीएम मोदी ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा, “देश की जनता ने हमारी नीतियों को देखा है। हमारी नीयत, हमारी निष्ठा पर जनता ने भरोसा किया है। इस चुनाव में हम जनता के बीच एक बड़े संकल्प के साथ आशीर्वाद मांगने गए थे और हमने आशीर्वाद मांगा था विकसित भारत के हमारे संकल्प के लिए। इसके लिए एक प्रतिबद्धता के साथ जनसामान्य का कल्याण करने के इरादे से गए थे। जनता ने विकसित भारत के संकल्प को चार चांद लगाकर के फिर से एक बार विजयी बनाकर सेवा का मौका दिया है। जब देश विकसित होता है, कोटि-कोटि जनों के सपने पूरे होते हैं, संकल्प सिद्ध होते हैं, आने वाली पीढ़ियों के लिए भी मजबूत नींव तैयार हो जाती है।
विकसित भारत का सीधा-सीधा लाभ हमारे देश के नागरिकों की गरिमा, क्वालिटी ऑफ लाइफ में सुधार, स्वाभाविक रूप से भाग्य में आता है। आजादी के बाद सामान्य नागरिक इन चीजों के लिए तरसता रहा है। हमारे गांव और शहरों की स्थिति में भी बहुत बड़ा सुधार हो रहा है। गांव के जीवन में गरिमा भी होती है, विकास के नए अवसर भी होते हैं। दुनिया की विकास यात्रा में भारत के शर भी बराबरी करेंगे, ये हमारा सपना है। विकसित भारत का मतलब होता है कोटि-कोटि नागरिकों को अनेक अवसर उपलब्ध होते हैं और वो अपनी क्षमता के अनुसार योगदान दे सकता है। देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं कि विकसित भारत के जिस संकल्प को लेकर हम चले हैं, उसकी पूर्ति के लिए हम भरसक प्रयास करेंगे, पूरी निष्ठा और ईमानदारी से करेंगे। हमारे समय का पल-पल, शरीर का कण-कण विकसित भारत के सपने को साकार करने में लगाएंगे। हम उस काम को अवश्य पूरा करेंगे।”
पीएम मोदी ने कहा, “2014 के उन दिनों को याद करेंगे तो हमें ध्यान आएगा कि देश के लोगों का आत्मविश्वास खो चुका था। देश निराशा के सागर में डुबा था। 2014 के पहले देश ने जो सबसे बड़ा नुकसान भुगता था, अमानत खोई थी, वह था आत्मविश्वास। 2014 के पहले यही शब्द सुनाई देते थे- इस देश का कुछ नहीं हो सकता। ये सात शब्द भारतीयों की निराशा की पहचान बन गए थे। अखबार खोलते थे तो घोटालों की खबरें ही पढ़ने को मिलती थीं। रोज नए घोटाले, घोटाले ही घोटाले। घोटालों की घोटालों से स्पर्धा, घोटालेबाज लोगों के घोटाले। बेशर्मी के साथ ये स्वीकार भी कर लिया जाता था कि दिल्ली से एक रुपया निकलता है तो 15 पैसे पहुंच पाते थे। भाई-भतीजावाद इतना फैला हुआ था कि सामान्य नौजवान तो आशा छोड़ चुका था कि अगर कोई सिफारिश करने वाला नहीं है तो जिंदगी ऐसे ही चलेगी।”
पीएम मोदी ने कहा, “आज देश का हर नागरिक जानता है कि वह कुछ भी कर सकता है। 370 ने जम्मू-कश्मीर के क्या हालात कर दिए थे? यहां संविधान को सिर पर रखकर नाचने वाले लोग वहां संविधान लागू करने से कतराते थे। लोग कहते थे, “जम्मू-कश्मीर का कुछ नहीं हो सकता।” जम्मू-कश्मीर की दीवार गिरी तो सबकुछ बदल गया। अब वहां लोग रिकॉर्ड संख्या में मतदान करने के लिए आ रहे हैं। लोगों का यह विश्वास, संकल्प से सिद्धी का विश्वास है। जब आजादी की जंग चल रही थी, तब लोगों की उमंग थी कि आजादी लेकर रहेंगे। आज लोगों का विश्वास है कि भारत विकसित होकर रहेगा। इस चुनाव ने इसकी नींव रख दी है।’ उन्होंने आगे कहा, “आज भारत के लक्ष्य बहुत विराट हैं। आज 10 साल में भारत ऐसी स्थिति में पहुंचा है, जब हमारा मुकाबला खुद के रिकॉर्ड से है। आज हमारे काम बेंचमार्क बन चुके हैं। मेरा विश्वास है कि हम विकास के कामों को उसी गति से पूरा करेंगे, नेक्स्ट लेवल तक ले जाएंगे। हम देश की इकोनॉमी को दुनिया में नंबर-3 पर ले जाएंगे।”
सांसद वेल में आकर नारेबाजी कर रहे विपक्षी सांसदों पर स्पीकर ओम बिरला भड़क गए। स्पीकर ने विपक्षी सांसदों को फटकार लगाई और विपक्ष के नेता से कहा कि आपको 90 मिनट बोलने का मौका दिया। आप इतनी बड़ी पार्टी लेकर चल रहे हो, ऐसा नहीं चलता है। पांच साल ऐसे ही नहीं चलेगा। पीएम मोदी ने राहुल का नाम लिए बिना कहा, “कोई छोटा बच्चा साइकिल लेकर निकला। वह गिर गया, रोने लगा तो कोई बड़ा आकर कहता है कि देखो चींटी मर गई-चींटी मर गई। ऐसा कहकर बड़े बच्चे का मन बहला देते है। आजकल बच्चे का मन बहलाने का काम चल रहा है।” पीएम मोदी ने दूसरा किस्सा सुनाते हुए कहा, “1984 के चुनावों को याद कीजिए। तब से 10 लोकसभा चुनाव हो चुके हैं। तब से कांग्रेस 250 के आंकड़े को छू नहीं पाई है। इस बार 99 के चक्कर में फंस गए हैं। मुझे एक किस्सा याद आता है। एक बच्चा 99 प्रतिशत मार्क्स लेकर घूम रहा था। लोगों की वाहवाही ले रहा था। टीचर ने कहा कि ये 100 से 99 नंबर नहीं 543 में से लाया है।”
पीएम मोदी ने कहा, “कांग्रेस के नेताओं ने बयानबाजी में शोले फिल्म को भी पीछे छोड़ दिया है। ये लोग कह रहे हैं- तीसरी बार ही तो हारे हैं। अरे मौसी, 13 राज्यों में शून्य सीटें आई हैं, लेकिन हीरो तो हैं न। अरे मौसी, पार्टी लुटिया तो डुबोई है, लेकिन पार्टी सांसें तो ले रही है। मैं कहूंगा कि फर्जी जीत का जश्न मत मनाओ। ईमानदारी से देश में मिले जनादेश को समझने की कोशिश करो, उसे स्वीकार करो। मुझे नहीं पता कि कांग्रेस के जो साथी दल हैं, उन्होंने चुनाव का विश्लेषण किया या नहीं। ये उनके लिए महत्वपूर्ण है। कांग्रेस पार्टी 2024 से परजीवी पार्टी के रूप में जानी जाएगी। परजीवी उसे कहते हैं जो जिस शरीर के साथ रहता है, उसी को खाता है।
कांग्रेस जिसके साथ रहती है, उसी के वोट खा जाती है। मैं जब कांग्रेस को परजीवी कह रहा हूं तो आंकड़ों के आधार पर कह रहा हूं।” उन्होंने आगे कहा, “जहां-जहां भाजपा-कांग्रेस का सीधा मुकाबला था यानी कांग्रेस बड़ी पार्टी थी, वहां कांग्रेस का स्ट्राइक रेट 26 प्रतिशत रहा। जहां वे जूनियर पार्टी के तौर रहे, वहां स्ट्राइक रेट…। 16 राज्यों में जहां कांग्रेस अकेले लड़ी, उनका वोट शेयर गिरा। गुजरात, छ्त्तीसगढ़ और कांग्रेस अपने दम पर लड़ी। वे 64 में से 2 सीट जीत पाए। इस चुनाव में कांग्रेस पूरी तरह परजीवी बन चुकी है। सहयोगी दलों के कंधे पर चढ़कर सीटों का आंकड़ा बढ़ाया है। कांग्रेस ने अपने सहयोगियों के जो वोट खाए हैं, उसके बिना लोकसभा में इतनी सीटें जीत पाना मुश्किल था।”
पीएम मोदी कहा, “मैं किस्सा सुनाता हूं। एक बच्चा स्कूल से आया और जोर-जोर से रोने लगा। मां भी डरी कि क्या हो गया। बच्चा बोला, मुझे स्कूल में उसने मारा, इसने मारा, वह जोर-जोर से रोना। मां ने पूछा कि बेटा, बात क्या थी। बच्चा यही बोला कि मुझे मारा, मुझे मारा। बच्चे ने ये नहीं बताया कि उसने किसी को मां की गाली दी थी, किसी की किताब फाड़ दी थी, किसी का टिफिन चुराकर खा गया था। सदन में कल हमने यही बचकानी हरकत देखी है। कल यहां कहा गया मुझे इसने मारा, उसने मारा, यहां मारा, वहां मारा। सहानुभूति हासिल करने के लिए नया ड्रामा खेला गया। जो सच्चाई जानते हैं कि हजारों करोड़ रुपए की हेराफेरी में जमानत पर बाहर हैं। ये ओबीसी लोगों को चोर बताने के मामले में सजा काट चुके हैं। इन्हें देश की सर्वोच्च अदालत से गैर-जिम्मेदाराना बयान देने पर माफी मांगनी पड़ी है।”
उन्होंने आगे कहा, “लोगों ने जब विकसित भारत के सपने को सच करने का मन बना लिया है, ऐसे समय देश का दुर्भाग्य है कि 6 दशक राज करने वाली कांग्रेस अराजकता फैलाने में लगी है। ये दक्षिण में जाकर उत्तर के खिलाफ बोलते हैं। इन्होंने भाषा के नाम बांटने की कोशिश की है। कांग्रेस पार्टी खुलेआम एक जाति को दूसरी के खिलाफ लड़ाने के लिए नरेटिव गढ़ रही है, अफवाहें फैला रही है। देश के एक हिस्से को हीन बताने के लिए कांग्रेस के लोग बढ़ावा दे रहे हैं। देश में आर्थिक अराजकता फैलाने के लिए भी सोची-समझी चालें चल रहे हैं। जिस राज्य में कांग्रेस की सरकार है, वहां आर्थिक अराजकता फैलानी कोशिश की जा रही है। इन्होंने कहा था कि इनके मुताबिक 4 जून को परिणाम नहीं आए तो देश में आग लगा दी जाएगी। भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को ताक पर रखकर अराजकता फैलाने का काम किया गया। सीएए को लेकर भी अराजकता फैलाई गई।
संसद में पीएम ने कहा, “तुलसीदास जी कह गए हैं ‘झूठइ लेना झूठइ देना, झूठइ भोजन झूठ चबेना’। कांग्रेस ने झूठ को हथियार बनाया। कांग्रेस के मुंह झूठ का खून लग गया है। कांग्रेस ने चुनाव में झूठ कहा कि लोगों के अकाउंट में पैसे आएंगे। लोगों ने 1 जुलाई को खटाखट दिवस मनाया है।” उन्होंने आगे कहा, “कल अग्निवीर को लेकर सदन में झूठ बोला गया। ईवीएम को लेकर झूठ, संविधान को लेकर झूठ, राफेल को लेकर झूठ, बैंकों को लेकर झूठ। ये भी कहा कि एमएसपी नहीं दिया जा रहा। ऐसा कहना सदन का दुर्भाग्य है।
जो दल 60 साल तक यहां बैठा है, जो सरकार के काम को जानता है, जिसके पास अनुभवी नेताओं की श्रृंखला है, वह दल जब झूठ के रास्ते को चुन ले तब देश गंभीर संकट की ओर जा रहा है, इस बात का संकेत है। इसका सबूत भी मिल चुका है। ये आजादी के लिए बलिदान देने वालों का अपमान हैं। सभापति जी, आप छोटी-मोटी चीजों को अपनी मुस्कान के साथ झेल लेते हैं। कल सदन में जो हुआ, उसे बालक बुद्धि कहकर नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इसके इरादे नेक नहीं है।”
संसद में पीएम मोदी ने आगे कहा, “कांग्रेस ने संविधान को लेकर हमेशा झूठ बोला है। मैं नम्रतापूर्वक सच्चाई रखना चाहता हूं। आपातकाल का ये 50वां साल है। सत्ता के लोभ के खातिर, तामसिक मानसिकता के चलते इमरजेंसी थोपी गई। इसमें कांग्रेस क्रूरता की सभी हदें पार गई। सरकारें गिराना, मीडिया को दबाना, हर काम में संविधान की धारा, भावना और हर शब्द के खिलाफ काम किया। इन्होंने देश के दलितों-पिछड़ों के साथ भी अन्याय किया है। इसी कारण बाबा साहेब अंबेडकर ने दलितविरोधी, पिछड़ाविरोधी मानसिकता के चलते नेहरू जी के कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया। अंबेडकर के इस्तीफे के बाद नेहरू जी ने उनका राजनीतिक जीवन खत्म करने के लिए पूरी ताकत लगा दी। अंबेडकर जी को चुनाव हरवाया गया। नेहरू जी ने बाबा साहेब अंबेडकर की हार का जश्न मनाया।” उन्होंने आगे कहा, “बाबा साहेब की तरह ही बाबू जगजीवन राम को भी उनका हक नहीं दिया गया। इमरजेंसी के बाद उनके पीएम बनने की संभावना थी। एक किताब में लिखा है- जगजीवन राम किसी भी कीमत पर पीएम नहीं बनने चाहिए। अगर वे पीएम बन गए तो कभी नहीं हटेंगे। यहां तक कि कांग्रेस ने बिहार के सपूत सीताराम केसरी के साथ भी अपमानजनक व्यवहार किया।”
लोकसभा में प्रधानमंत्री ने कहा, “हमने कल सदन में बचकाना हरकत देखी। ये बालक बुद्धि का विलाप है। बालक बुद्धि में न बोलने का ठिकाना होता है और न ही उनमें व्यवहार का कोई ठिकाना होता है। जब ये बालक बुद्धि पूरी तरह सवार हो जाती है तो सदन में भी ये किसी के गले पड़ जाते हैं। ये बालक बुद्धि जब अपनी सीमाएं खो देती है तो ये सदन में बैठकर आंखें मारते हैं। इनकी सच्चाई पूरा देश समझ गया है। इसलिए देश आज इनसे कह रहा है कि तुमसे नहीं हो पाएगा।” प्रधानमंत्री ने अपनी बात आगे रखते हुए कहा, “कल जो हुआ, देश के कोटि-कोटि देशवासी इसे माफ नहीं करेंगे। 131 साल पहले स्वामी विवेकानंद जी शिकागो में कहा था, “मुझे गौरव है कि मैं उस धर्म से आता हूं, जिसने पूरी दुनिया को सहिष्णुता और वैश्विक स्वीकृति सिखाई है।” विवेकानंद जी ने दुनिया के दिग्गजों के सामने ये कहा था, “हिंदू सहनशील है। इसी कारण भारत का लोकतंत्र और विविधता पनपी है।”
पीएम मोदी ने कहा, “ये गंभीर बात है कि हिंदुओं पर आरोप लगाने का झूठा षड्यंत्र हो रहा है। क्या हिंदू हिंसक होते हैं? ये है आपकी सोच, आपका चरित्र। ये देश शताब्दियों इसे भूलने वाला नहीं है। इन लोगों ने हिंदू आतंकवाद गढ़ने की कोशिश की थी। इन्होंने शक्ति के विनाश की बात कही थी। देश इन्हें माफ नहीं करेगा। देश की संस्कृति-परंपरा का मजाक उड़ाना, इसे फैशन बना दिया गया है। हम बचपन से सीखते हुए आए हैं कि देश का बच्चा-बच्चा जानता है कि ईश्वर का हर रूप दर्शन के लिए होता है। ईश्वर का कोई भी रूप प्रदर्शन के लिए नहीं होता। जिसके दर्शन होते हैं, उसका प्रदर्शन नहीं होता। हमारे देवी-देवताओं का अपमान 140 करोड़ लोगों के दिलों को चोट पहुंचा रहा है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “अब सेना में भर्ती को लेकर सरासर झूठ फैलाया जा रहा है, ताकि लोग देश की रक्षा करने के लिए सेना में न जाएं। आखिर किसके लिए कांग्रेस हमारी सेनाओं को कमजोर करना चाहती है। हमारे देश में इंदिरा गांधी जी ने वन रैंक, वन पेंशन की व्यवस्था की थी, लेकिन इसे दशकों तक लागू नहीं किया गया। एनडीए सरकार ने 1 लाख 20 हजार करोड़ वन रैंक, वन पेंशन के लिए दिए। राष्ट्रपति जी, ने नीट पेपर लीक पर चिंता जताई थी। सरकार पेपर लीक को रोकने के लिए अत्यंत गंभीर है। इसे रोकने के लिए एक के बाद एक कदम उठा रहे हैं। छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों के बख्शा नहीं जाएगा।” पीएम मोदी ने कहा, “एनडीए सरकार ने बीते 10 साल में विकास को सबसे बड़ा संकल्प बनाया और अब देश को दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी बनाने का संकल्प है। हर घर में पीने का शुद्ध पानी पहुंचाने के लिए संकल्प है। विश्व में भारत की ताकत बढ़ रही है। ये युग हरित युग है। भविष्य ग्रीन हाइड्रोजन से जुड़ा है। भारत को ग्रीन हाइड्रोजन का हब बनाने के लिए संकल्पित हैं। 21वीं सदी को भारत की सदी बनाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर की भी बड़ी भूमिका होगी।”
उन्होंने आगे कहा, “जितना निवेश भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए हुआ है, उतना कभी नहीं हुआ। देश में बड़े पैमाने पर रोजगार और स्वरोजगार के अवसर बन रहे हैं। स्किल डेवलपमेंट हो और नौजवानों का भविष्य संवरे, इसके लिए हम काम कर रहे हैं।” प्रधानमंत्री मोदी कहा, “एक स्टडी है कि पिछले 18 साल में प्राइवेट सेक्टर सबसे बड़ा रिकॉर्ड बना है। भारत का डिजिटल पेमेंट सिस्टम दुनिया में उदाहरण बना है। जी20 में आए देशों को भी इस पर अचरज होता है। जैसे-जैसे भारत आगे बढ़ रहा है, चुनौतियां भी बढ़ रही हैं। कुछ लोग भारत की डेमोक्रेसी, डेमोग्राफी और डायवर्सिटी पर हमला कर रहे हैं। ये सिर्फ मेरी चिंता नहीं है, इससे सुप्रीम कोर्ट और भारत की जनता भी चिंतित है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने जजमेंट में गंभीरता से कहा- ऐसा लगता है, इस महान देश की प्रगति पर कम करने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है।”
लोकसभा में प्रधानमंत्री मोदी ने हाथरस हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए पीड़ितों को हर संभव सहायता देने का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि केंद्र के वरिष्ठ अधिकारी यूपी सरकार से संपर्क में हैं। पीएम के जवाब के बाद लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर संशोधनों को मतदान के लिए सभा पटल पर रखा गया और ध्वनिमत से पास हो गया। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव लोकसभा से पारित हो गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पीएम मोदी के संबोधन के दौरान विपक्ष की ओर से हंगामे को लेकर निंदा प्रस्ताव रखा। स्पीकर ओम बिरला ने कहा, “सभी दलों को देर रात तक बोलने का अवसर दिया, नेता प्रतिपक्ष को 90 मिनट से ज्यादा बोलने का मौका दिया। ये आपका आचरण न तो संसदीय परंपराओं के अनुकूल है और ना ही लोकतंत्र के लिए उचित है। वेल में आकर प्रतिपक्ष के नेता हंगामा कह रहे थे, ये संसदी मर्यादा के अनुकूल नहीं है।” स्पीकर ओम बिरला ने लोकसभा सत्र के दौरान हुए कामकाज का लेखाजोखा सदन में रखते हुए उन्होंने बताया, “सात बैठकें हुईं जो लगभग 34 घंटे तक चली। सत्र के दौरान 539 सदस्यों ने शपथ ली है। 26 जून को लोकसभा स्पीकर का चुनाव हुआ। पीठासीन निर्वाचित होना मेरे लिए असीम सम्मान और गौरव का विषय है। पीएम ने मंत्रिमंडल का परिचय कराया, राष्ट्रपति ने संयुक्त सत्र को संबोधित हुए। कल और आज कुल 18 घंटे तक धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हुई। प्रधानमंत्री ने चर्चा का उत्तर दिया। इस दौरान सदन की प्रोडक्टिविटी 103 फीसदी रही।”

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Sandip kumar writes research and data-oriented stories on UP Politics and Election. He previously worked at Prabhat Khabar And Dainik Bhaskar Organisation.

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