
गेहूं की फसल पर गरमी का कहर जारी है जिसकी निगरानी और किसानों की मदद के लिए सरकार ने सोमवार को एक कमेटी का गठन किया है। कमेटी की अध्यक्षता केंद्रीय कृषि आयुक्त करेंगे। नेशनल क्रॉप फोरकास्ट सेंटर (एनसीएफसी) के फरवरी में तापमान के सामान्य से बहुत अधिक रहने के पूर्वानुमान के बाद सरकार ने यह फैसला लिया है। मध्य प्रदेश जैसे गेहूं उत्पादक राज्य में सात वर्षों के औसत से फरवरी के पहले सप्ताह में ही तापमान बहुत अधिक हो गया है। इससे गेहूं की फसल की उत्पादकता के प्रभावित होने का गंभीर खतरा पैदा हो गया है जो किसानों और सरकार के लिए चिंता का विषय बन गया है।
गेहूं उत्पादक राज्यों के प्रतिनिधि होंगे शामिल
भारतीय मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक अगले दो दिनों तक गुजरात, जम्मू, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में तापमान सामान्य से अधिक रहेगा। कृषि सचिव मनोज आहूजा ने बातचीत में कहा ‘बढ़ते तापमान की वजह से गेहूं की फसल पर मंडरा रहे खतरे की निगरानी के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है।’ उन्होंने कहा कि कृषि मंत्रालय की गठित कमेटी किसानों को जल्दी से जल्दी ही सूक्ष्म सिंचाई करने की सलाह देगी। कृषि सचिव आहूजा ने बताया कि कमेटी की अध्यक्षता कृषि आयुक्त डॉक्टर प्रवीण कुमार करेंगे। जबकि कमेटी के अन्य सदस्यों में करनाल स्थित गेहूं अऩुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों के साथ सभी गेहूं उत्पादक राज्यों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।