बांदा-चित्रकूट लोकसभा सीट पर वोटिंग: 5 बजे तक 57.3% मतदान, भाजपा-सपा और बसपा के बीच त्रिकोणीय मुकाबला – Dainik Bhaskar

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बांदा-चित्रकूट लोकसभा सीट पर वोटिंग खत्म हो गई है। यहां सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक 59.46 प्रतिशत वोटिंग हुई। पिछली बार से एक प्रतिशत कम मतदान हुआ। 2019 में 60.8 फीसदी वोट पड़े थे। जल शक्ति राज्य मंत्री रामकेश निषाद ने मतदान किया। बूथ संख्या-392 पर EVM
चित्रकूट भाजपा के पूर्व विधायक मऊ मानिकपुर आनंद शुक्ला ने मतदान किया। उन्होंने लोगों से अपील की लोग घर से निकलें। बूथ पर आकर मतदान करें।
लोकसभा सीट पर 20 लाख 6679 मतदाता जो अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। जिले में कुल 831 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जिसमें 1389 बूथों पर पोलिंग पार्टियां मतदान करा रही हैं। डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने मंडी समिति से रवाना होने वाली पोलिंग पार्टियों की व्यवस्था का जायजा लेकर सभी व्यवस्थाएं देखी थीं।
मतदान को सब कुशल संपन्न करने के लिए प्रशासन ने सुरक्षा के बीच पूरे इंतजाम किए हैं। 1389 बूथों पर लगभग 10 हजार से अधिक सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की गई है। चित्रकूट बांदा लोकसभा में पांच विधानसभा आती हैं, जिसमें बांदा, नरैनी, बबेरू हैं और चित्रकूट की चित्रकूट और मऊरानीपुर विधानसभाएं शामिल हैं।
बांदा सीट पर 2019 में हुई थी 60 फीसदी वोटिंग
मतदाताओं की संख्या आंकड़ों में
बांदा में ये विधानसभाएं आती हैं
बांदा विधानसभा क्षेत्र में 13 लाख 28 हजार 339 मतदाता वोट डालेंगे। इनमें तिंदवारी विधानसभा क्षेत्र के 346 मतदान केंद्रों में 3,22,321 मतदाता, बबेरू विधानसभा क्षेत्र के 350 पोलिंग बूथ में 342747 मतदाता, बबेरू विधानसभा क्षेत्र के 372 मतदान केंद्रों में 3,48,954 और बांदा सदर विधानसभा क्षेत्र में 320 मतदान केंद्रों पर 3,12,558 मतदाता पंजीकृत हैं। चारों विधानसभा क्षेत्र के 13 लाख 28339 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
भाजपा से आरके सिंह पटेल, बसपा से मयंक द्विवेदी और सपा से कृष्णा पटेल प्रत्याशी हैं। पिछली बार 2019 में भाजपा के आरके सिंह पटेल ने जीत हासिल की थी।
अब समझिए सियासी समीकरण
सीनियर जर्नलिस्ट कहते हैं- बांदा में बसपा आगे है। इसका बड़ा कारण है कि बसपा ने ब्राह्मण चेहरे मयंक द्विवेदी पर दांव खेला है। सीट पर करीब 3 लाख ब्राह्मण कैंडिडेट हैं। पटेल 1.50 लाख और कुशवाहा 1.30 लाख हैं।
सपा-भाजपा ने पटेल प्रत्याशी उतारे हैं। भाजपा प्रत्याशी को लेकर नाराजगी है। जातिगत समीकरण यहां सबसे ज्यादा हावी है। भगवान राम की कर्मस्थली रही है, इसलिए राम मंदिर मुद्दा यहां प्रभावी है। पीएम आवास, किसान सम्मान निधि और अन्य योजनाओं का फायदा लोगों को मिला है। वोटर इसको ध्यान में रखेंगे।
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