अमेठी लोकसभा सीट पर वोटिंग खत्म हो गई है। सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक 54.17 फीसदी वोट पड़े। इस सीट पर पिछली बार यानी 2019 में भी 54 फीसदी वोट पड़े थे। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पोलिंग बूथ लीला टिकरा के बूथ संख्या 347 पर अपना वोट डाला। सांसद ने लाइन म
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा, “…आप जल्द से जल्द अपने मतदान केंद्र जाकर इस उत्सव में सहभागी बनें। भारत और इसके भविष्य के प्रति हमारी जिम्मेदारी है इसका निर्वहन करें। मेरा सौभाग्य है कि मैंने अपने गांव में विकसित भारत के संकल्प के साथ गरीब कल्याण एवं महिला सशक्तिकरण को समर्पित एक नेता को मैंने अपना मत दिया। अभिलाषी हूं कि जनता अपना प्यार उन्हें देगी।”
इंडी गठबंधन से कांग्रेस ने गांधी परिवार के करीबी किशोरी लाल शर्मा को उतारा है। अमेठी में भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी और कांग्रेस प्रत्याशी किशोरी लाल शर्मा के बीच सीधी टक्कर है।
अमेठी के एसपीएन इंटर कॉलेज तिलोई के मतदान केन्द्र 162 में राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने मतदान किया है। वोटिंग को लेकर मतदाताओं में खासा उत्साह दिख रहा है। अमेठी लोकसभा के सभी बूथों पर मतदाता लाइन में लग कर अपनी बारी का इंतजार कर रहे है। सभी मतदान केंद्रों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए है।
2019 में अमेठी सीट भाजपा के पास थी और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को करीब 55 हजार वोटों से हराया था। अमेठी सीट पर कुल 13 प्रत्याशी मैदान में हैं। जिसमें 2 महिला प्रत्याशी और 11 पुरुष प्रत्याशी हैं। चुनाव को लेकर 15 जोनल और 125 सेक्टर मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं। अमेठी में 1125 पोलिंग सेंटर हैं। 1923 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं।
पिछली बार इस सीट पर पड़े थे 54% वोट
अमेठी में जानिए वोटर्स की संख्या
12 कंपनी पैरामिलिट्री फोर्स तैनात
लोकसभा चुनाव को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए 12 कंपनी केंद्रीय सुरक्षा बलों की टीम तैनात की जाएगी। एक कंपनी पीएसी को भी लगाया जाएगा। वहीं 483 इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर तैनात रहेंगे।3583 हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल समेत 2500 होमगार्ड तैनात किए जाएंगे। संवेदनशील और अति संवेदनशील बूथ की अमेठी प्रशासन ने जानकारी नहीं दी।
अमेठी की लड़ाई 15 साल और 5 साल के बीच
पॉलिटिकल एक्सपर्ट कहते हैं- अमेठी में भाजपा की स्मृति ईरानी और कांग्रेस के किशोरी लाल शर्मा के बीच लड़ाई है। बसपा कहीं दिख नहीं रही है। यह लड़ाई राहुल के 15 साल और स्मृति के 5 सालों के कामों के बीच की है। अमेठी की जनता दोनों सांसदों के कार्यों की तुलना कर रही है।
स्मृति पर जनता का विश्वास, नहीं छोड़ी अमेठी
स्मृति के साथ प्लस पॉइंट है कि वो 2014 में अमेठी से चुनाव हारने के बाद छोड़कर नहीं गईं। यहां लगातार सक्रिय रहीं और काम करती रहीं। इससे लोगों में भरोसा हुआ कि स्मृति अब अमेठी छोड़कर जाने वाली नहीं हैं, बिना सांसद हुए वो यहां काम कर रही हैं। अगर सांसद बनती हैं, तो और विकास होगा। यही वजह थी कि 2019 में स्मृति को जनता ने जिताया।
स्मृति ईरानी के सांसद के रूप में 5 साल के काम कांग्रेस के कामों पर भारी पड़ते दिख रहे हैं। किशोरी शर्मा को अमेठी की जनता ने नजदीक से देखा है। चुनाव दोनों दलों के नेताओं के कामों के बीच झूल रहा है।
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