PM मोदी के मेडिटेशन पर भड़का विपक्ष, चुनाव आयोग से गुहार लगा दी – The Lallantop

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) 30 मई से एक जून तक तमिलनाडु दौरे पर रहेंगे. इस दौरान वो कन्याकुमारी के विवेकानंद रॉक मेमोरियल (Vivekananda Rock Memorial) पर मेडिटेशन करने वाले हैं (PM Modi Meditation). PM ने घोषणा में बताया था कि वो BJP के लोकसभा चुनाव अभियान की समाप्ति के प्रतीक के तौर पर ध्यान करेंगे. BJP का कहना है कि PM कन्याकुमारी में जिस चट्टान पर ध्यान लगाएंगे, उसका विवेकानंद के जीवन पर बहुत प्रभाव था. PM की इस यात्रा पर विपक्ष के नेताओं ने सवाल उठाए हैं (Opposition Reacts).
दरअसल, विवाद PM मोदी के मेडिटेशन के लाइव प्रसारण को लेकर है. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, 
कोई भी वहां जा सकता है और ध्यान कर सकता है. क्या कोई ध्यान करते समय कैमरा लगाता है? मुझे दुख हो रहा है. स्वामी विवेकानन्द वहां ध्यान करते थे और अब PM वहां जाकर ध्यान करेंगे. अगर वो भगवान हैं तो वो ध्यान क्यों करेंगे? दूसरे लोग उनके लिए ध्यान करेंगे ना. 

मामले पर कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा,
मेडिटेशन के लिए अकेलापन चाहिए. ये ध्यान नहीं प्रचार और प्रोपेगेंडा है. PM की कोई गरिमा नहीं है. पहले के साधू-संत ध्यान के लिए अकेले जाते थे लेकिन ये तो नई परंपरा है जहां कैमरा ले जाकर मेडिटेशन हो.

कांग्रेस नेता दानिश अली ने कहा,
चुनाव आयोग को कहना चाहिए कि मीडिया इसका लाइव प्रसारण ना करें. जहां से राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा शुरू की थी वहीं पीएम ध्यान करने जा रहे हैं. पीएम मोदी ने अपनी पारी का अंत तय कर लिया है.

समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव ने भी PM पर निशाना साधा. कहा,
मेडिटेशन की जरूरत तो 5-7 साल पहले थी. 10 साल के बाद तो अब फुर्सत है तो ध्यान लगाते रहेंगे. जहां ध्यान लगाने जा रहे है उस जगह पर तो भारत की सीमा खत्म हो जाती है और आगे पानी ही पानी है. पता नहीं हमारे PM कहां चले जाएंगे. कहीं ऐसा तो नहीं कि वो अंटार्कटिका की तरफ जा रहे हों क्योंकि यहां गर्मी बहुत है.

TMC नेता महुआ मोइत्रा ने विवादित बयान में कहा,
PM के बायोलॉजिकल माता-पिता नहीं हैं. वो दैवीय हैं. उन्हें ध्यान करना चाहिए. 4 जून के बाद उन्हें ध्यान करने की ज्यादा जरूरत पड़ेगी. उम्मीद है कि कुछ समय वो वहीं रहें. 

राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल बोले,
अगर पीएम मोदी 'विवेक' का मतलब जानते हैं तो उन्हें जाना चाहिए. वो 'विवेक' से मीलों दूर हैं. अगर उन्हें अपना पाप धोना है तो ठीक है. ये एक राजनीतिक साजिश लगती है. वो वोट जिहाद, मंगलसूत्र की बात करते हैं जो कि 'विवेक' के बारे में नहीं है. 
VIDEO | Here's what Rajya Sabha MP Kapil Sibal said to media about Prime Minister Narendra Modi's plans to go to Vivekananda Memorial for meditation.

"If PM Modi knows the meaning of 'Vivek', then he should go. He is miles away from 'Vivek'. If he is going to wash his sin, then… pic.twitter.com/qmx5ASmTJA

बता दें, मसले को लेकर कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने भी निर्वाचन आयोग से शिकायत की है. कांग्रेस नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने इसकी जानकारी दी है. उन्होंने कहा है कि 48 घंटे के साइलेंट पीरियड के दौरान किसी को भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रचार करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा है कि PM के मौन व्रत की घोषणा करना प्रचार या खुद को प्रसारित करने का तरीका है. और ये आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है. 
ये भी पढ़ें- आज थम जाएगा प्रचार का शोर, फिर मेडिटेशन के लिए कन्याकुमारी चले जाएंगे PM मोदी
DMK नेता एलंगोवन ने भी इस पर सवाल उठाते हुए कहा है कि ये चुनाव आयोग के नियमों के खिलाफ है.
इधर, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि विपक्ष को मोदी की साधना पर भी ऐतराज है. दावा किया कि विपक्ष सनातन धर्म का अपमान कर रही है. 
वीडियो: लल्लनटॉप इंटरव्यू: PM मोदी और CM योगी पर क्या बोले मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफजाल अंसारी?
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