Lok Sabha Chunav 2024: देशभर की कुल 543 लोकसभा सीटों में अब तक 486 सीट पर वोटिंग पूरी हो चुकी है। सातवें और आखिरी चरण में 1 जून को उत्तर प्रदेश की 13 लोकसभा सीटों के साथ 57 सीटों पर वोंटिग होनी है। नतीजे 4 जून को आने हैं और ऐसे में संभावनाओं का दौर भी आ चुका है कि किसकी जीत होगी और किसकी हार होगी। चुनावी राजनीति में सिर्फ जीत हार हीं मायने नहीं रखता कुछ और बातें भी प्रत्याशी के कद को बढ़ा या छोटा बना देता है।
प्रत्याशी की लोकप्रियता इस बात पर भी तय होती है कि किसे हराकर वह खुद सासंद की कुर्सी तक पहुंचा है। अगर कोई नया उम्मीदवार मंझे नेता को चुनाव में पटखनी देता है तो सीधे तौर पर उस राजनेता का कद पार्टी और जनता दोनों में बढ़ता है। वैसे तो जीत 1 वोट से हो या 6 लाख से सांसद बनने से तो उन्हें कोई नहीं रोक सकता है लेकिन अगर प्रत्याशी बड़े वोट प्रतिशत लाकर अपने प्रतिद्वंद्वी को बड़े अंतर से हराता है तो उनकी राजनीतिक कुशलता का लोहा माना जाता है।
आज हम बात करेंगे लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजों की, इस चुनाव में कई रिकॉर्ड कायम किए गए। किसी ने 1 फीसदी के भी कम अंतर से जीत हासिल की तो किसी प्रत्याशी ने अपने विरोधी की जमानत भी जब्त करवा दी।
देश भर की 543 लोकसभा सीटों पर पिछले चुनाव में 169 सीटों पर नतीजा ऐसा रहा जहां महज 181 से 1 लाख से कम अंतर से प्रत्याशी की किस्मत का फैसला हो पाया। अगर राज्यों के हिसाब से देखें तो सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में 29 ऐसी सीट रही जिस पर 1 लाख से कम अंतर से जय पराजय तय हो पाई। बंगाल में 18 और ओडिशा में 14 सीटों पर लाख से नीचे वोटों में जीत-हार हो गई।
उत्तर प्रदेश की अमेठी लोकसभा से बीजेपी प्रत्याशी स्मृति ईरानी को कुल 4,68,514 वोट मिले थे। उन्होंने राहुल गांधी को 55,120 वोटों के अंतर से हराया था। यूपी के मछलीशहर लोकसभा सीट से सबसे कम अंतर 181 वोट से जीत-हार का फैसला हुआ था। यहां भाजपा के भोलानाथ सरोज ने बहुजन समाज पार्टी के त्रिभुवन राम को 181 वोटों से हरा दिया। कर्नाटक की तुमकुर सीट से चुनाव लड़ रहे पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल सेक्युलर के संस्थापक एचडी देवगौड़ा को बीजेपी के जीएस बासवराज ने लगभग 1 फीसदी वोटों से हराया था। जीएस बासवराज को एचडी देवगौड़ा से 13,339 वोट ज्यादा मिले थे।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ओडिशा के पुरी लोकसभा से बीजेडी के पिनाकी मिश्रा से लगभग 12 हजार वोटों से चुनाव हार गए थे। उत्तर प्रदेश के कन्नौज सीट को देखे तों यहां मुलायम सिंह यादव के परिवार का दबदबा रहा है। लेकिन 2019 में अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव लगभग 12 हजार मतों से बीजेपी के सुब्रत पाठक से चुनाव हार गई थी।
पिछले लोकसभा चुनाव में चार सबसे बड़ी जीत पर नजर डालें तो ये सभी भाजपा के खाते में गई थीं। गुजरात के नवसारी सीट से सीआर पाटिल 6,89,668 वोटों से बड़े अंतर से चुनाव जीते थे। हरियाणा की करनाल सीट से संजय भाटिया 6,56,142 मत से तो वहीं फरीदाबाद से कृष्ण पाल 6,38,239 मत से जीतकर सदन पहुंचे। भीलवाड़ा (राजस्थान) से सुभाष चंद्र बहेरिया ने 6 लाख 12 हजार मतों से विरोधी को पराजित किया।
5 लाख से ज्यादा और 6 लाख से कम अंतर से जिस सीट पर 2019 में हार जीत हुई उनमें अमित शाह की भी सीट शामिल है। अमित शाह ने गुजरात की गांधीनगर सीट पर 5 लाख 57 हजार 14 वोटों से कांग्रेस के सीजी चावड़ा को हराया था। वडोदरा से बीजपी के रंजनबेन भट ने कांग्रेस के प्रशांत पटेल को 5.89 लाख वोटों से शिकस्त दी थी। बीजेपी के प्रवेश वर्मा ने पश्चिमी दिल्ली सीट पर महाबल मिश्रा को 5 लाख 78 हजार के ज्यादा वोटों से हराया। सीपी जोशी ने राजस्थान के चित्तौड़गढ़ से कांग्रेस के गोपाल सिंह शेखावत को 5 लाख 76 हजार 247 वोटों से हराया था। हंसराज हंस ने उत्तर पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट से 5 लाख 53 हजार 897 वोटों से आप के गुगन सिंह को हराया।
2019 के लोकसभा चुनावी नतीजों में कुल 34 सीट ऐसी थी, जहां जीत का अंतर 4 लाख से ऊपर तो था लेकिन 5 लाख से नीचे भी था। यहां पर 5 लाख का आंकड़ा भी क्रास नहीं हो सका था। इनमें उत्तर प्रदेश और बिहार की तीन सीट के साथ मध्य प्रदेश और झारखंड की चार-चार सीटें शामिल थी। राजस्थान में सबसे ज्यादा 4 से 5 लाख वोटों से जीतने वाली प्रत्याशी की संख्या 6 थी। 2019 में वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीत का अंतर 2014 से भी ज्यादा था और वह 4 लाख 75 हजार वोट से जीते।
इस बार के चुनाव के में जहां एनडीए 400 पार का नारा लगा रही है तो बीजेपी अपने दम पर 370 का आंकड़ा छूने के लिए प्रयासरत है। इंडिया गठबंधन में अलग-अलग क्षेत्रीय दलों के आने से उनके भी वोट बैंक में बढ़ने के अपने दावे हैं। बीजेपी का 2019 का ट्रैक रिकॉर्ड देखें तो सबसे ज्यादा वोटों से जीतने में भाजपा टॉप पर रही है।
पिछले आम चुनाव में भाजपा 303 सीटों पर 55.7% वोट लाकर जीतने में कामयाब रही थी। बीजेपी ने कुल जितनी सीटों पर जीत दर्ज की थी, उनमें से तीन चौथाई यानी 224 सीटों पर उसे 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिले थे। कांग्रेस के लिए ऐसी सीटों की संख्या मात्र 18 थी। 2024 में देखना ये रहेगा कि मोदी सरकार की वापसी होती है या इंडिया गठबंधन सरकार बनाने में कामयाब होगा।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा, ‘कल पीएम मोदी ने कहा कि रिचर्ड एटनबरो की फिल्म देखने के बाद दुनिया को महात्मा गांधी के बारे में पता चला। मुझे यह मजेदार लगता है। एक पीएम का यह कहना कि एक फिल्म देखने के बाद दुनिया को गांधी से परिचय हुआ… क्या यह अज्ञानता है या उन्होंने गांधी के बारे में अध्ययन नहीं किया?’