बिहार की पाटलिपुत्र लोकसभा सीट पर तीन बार हार का सामना करने के बाद लालू परिवार ने इस बार यहां से अपनी बड़ी बेटी मीसा भारती को राजद के टिकट पर उतारा है। राज्यसभा सांसद मीसा भारती लगातार दो बार हार के बाद पाटलिपुत्र सीट से तीसरी बार चुनाव मैदान में हैं। उनके खिलाफ भाजपा ने राम कृपाल यादव को उतारा है जो लगातार तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं।
पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र में लड़ाई जाति, पारिवारिक प्रतिष्ठा और पुरानी राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के बारे में है। विकास, नौकरी पर दोनों पक्षों के चुनाव अभियान में फोकस के बावजूद निर्वाचन क्षेत्र में जाति एक प्रमुख कारक होगी जहां यादव, अन्य ओबीसी, उच्च जाति भूमिहार, ब्राह्मण और मुस्लिम एक बड़ा वोट बैंक हैं।
लालू और राबड़ी देवी की सबसे बड़ी बेटी मीसा अपने भाई तेजस्वी की मुस्लिम-यादव-प्लस पिच पर भरोसा कर रही हैं। प्रचार अभियान में मीसा पीएम मोदी और अपने बीजेपी प्रतिद्वंद्वी पर लगभग समान रूप से निशाना साध रही हैं और दावा कर रही हैं कि मोदी फैक्टर जमीन पर दिखाई नहीं दे रहा है।
दानापुर विधानसभा क्षेत्र में अपने 15 किलोमीटर लंबे रोड शो के दौरान उन्होंने कहा, “वह बात कहां है? उन्होंने दो करोड़ नौकरियों का वादा किया, मुद्रास्फीति बढ़ी है, लोग बड़ी संख्या में पलायन कर रहे हैं। अगर इंडिया गठबंधन सत्ता में आता है तो हम एक करोड़ नौकरियां प्रदान करेंगे और वृद्धावस्था पेंशन को 400 रुपये से बढ़ाकर 1,000 रुपये करेंगे।”
मीसा ने राम कृपाल पर कटाक्ष करते हुए कहा, “मुझे आश्चर्य है कि 2019 में बिहार में 40 में से 39 सीटें जीतने वाला एनडीए क्यों घबराया हुआ है। एनडीए के सभी सांसद मोदी के पीछे क्यों छुपे हुए हैं? इससे पता चलता है कि सांसद के रूप में उनका प्रदर्शन ख़राब रहा है।”
वहीं, दूसरी ओर मौजूदा सांसद राम कृपाल को कोई चिंता नहीं है। उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान कहा, “मुझे नहीं पता कि राजद मेरे बारे में क्या कहता है। मैंने भले ही निर्वाचन क्षेत्र में कोई बड़ा काम नहीं किया हो लेकिन कई छोटे-छोटे विकास कार्य किए हैं। नरेंद्र मोदी पूरे बिहार और देश भर में एक प्रमुख कारक रहे हैं।”
एक स्थानीय कैप्टन (सेवानिवृत्त) आर के सिन्हा ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान कहा, “यह राम कृपाल के खिलाफ जीतने का मीसा का सबसे अच्छा मौका है। राम कृपाल को सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ रहा है और मोदी मैजिक भी कम हो गया है। मीसा ने गैर-यादव ओबीसी और ऊंची जातियों के कुछ वर्गों के बीच अपनी पकड़ बनाई है।”
इस बार पाटलिपुत्र में लालू परिवार को खुद पीएम नरेंद्र मोदी से चुनौती मिल रही है, जिन्होंने आत्मविश्वास से समर्थकों को 4 जून को ‘मनेर के लड्डू’ के साथ तैयार रहने के लिए कहा है। साथ ही लड़ाई में एक दिलचस्प मोड़ भी जोड़ दिया है जब उन्होंने नौकरी के बदले जमीन घोटाले में राजद के स्टार प्रचारक तेजस्वी प्रसाद यादव की गिरफ्तारी की ओर इशारा किया।
एक रैली के दौरान पीएम मोदी ने कहा, ”नौकरी के बदले जमीन घोटाले में शामिल लोगों के लिए जेल जाने की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। जैसे ही उनकी हेलीकॉप्टर यात्रा समाप्त होगी, वह जेल में पहुंच जाएंगे।”
पाटलिपुत्र सीट को 2008 में परिसीमन के बाद पटना लोकसभा क्षेत्र से अलग कर बनाया गया था। उसके बाद से लालू परिवार यहां जीत का स्वाद नहीं चख सका है। उन्होंने 2009 में पाटलिपुत्र से भी अपनी किस्मत आजमाई थी। लालू सारण से जीते लेकिन पाटलिपुत्र में अपने पूर्व विश्वासपात्र रंजन यादव से 23,541 वोटों से हार गए थे।
चारा घोटाले में दोषी ठहराए जाने के बाद, 2013 में चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिये जाने के बाद लालू ने 2014 और 2019 में मीसा को इस सीट से मैदान में उतारा, लेकिन वह दोनों बार भाजपा उम्मीदवार राम कृपाल यादव से हार गईं। राम कृपाल एक समय लालू के अच्छे दोस्त थे जिन्हें वह प्यार से चाचा बुलाती थीं। इस बार फिर मीसा अपने चाचा से सीधी टक्कर में हैं।
पाटलिपुत्र निर्वाचन क्षेत्र के लगभग 20.5 लाख मतदाताओं में से 4.25 लाख से अधिक ऊंची जातियां हैं, जिनमें मुख्य रूप से कायस्थ और उसके बाद भूमिहार हैं। साथ ही यहां 8 लाख ओबीसी, जिनमें 4.25 लाख यादव शामिल हैं, लगभग 3 लाख अनुसूचित जाति के पासवान, रविदास और मुसहर मतदाता हैं।
पिछले तीन लोकसभा चुनावों में पाटलिपुत्र में एनडीए उम्मीदवार की जीत हुई है, जबकि छह विधानसभा क्षेत्रों में महागठबंधन का कब्जा है। राजद का दावा है कि सभी छह विधानसभा क्षेत्रों पर महागठबंधन का कब्जा है इसलिए इस चुनाव में उनकी स्थिति मजबूत है।
पाटलिपुत्र सीट पर अब तक हुए तीन लोकसभा चुनावों में एनडीए उम्मीदवारों ने ही जीत हासिल की है। 2019 के चुनाव में, रामकृपाल यादव ने लालू प्रसाद की बड़ी बेटी और राजद उम्मीदवार मीसा भारती को करीब 39 हजार वोटों से हराया था। रामकृपाल यादव को 5.09 लाख (47.28%) वोट मिले थे, वहीं मीसा भारती को 4.70 (43.63%) लाख मत मिले थे।
IRDAI ने स्वास्थ्य बीमा नियमों में बदलाव किए हैं, जिसमें कैशलेस उपचार के लिए एक घंटे के भीतर निर्णय और अस्पताल से छुट्टी के लिए इंतजार न करना शामिल है। यदि निपटान में तीन घंटे से अधिक समय लगता है, तो बीमा कंपनी अस्पताल के बिल का भुगतान करेगी।