लोकसभा चुनाव: एग्जिट पोल क्या होता है, 2019 में कितने सटीक साबित हुए, जानें सब कुछ – Lok Sabha Election 2024 – ETV Bharat

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दिल्ली
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ETV Bharat / bharat
By ETV Bharat Hindi Team
Published : May 28, 2024, 4:35 PM IST

हैदराबाद: लोकसभा चुनाव 2024 आखिरी चरण में प्रवेश कर चुका है. शनिवार एक जून को सातवें और अंतिम चरण का चुनाव होना है. इस चरण में आठ राज्यों की 57 सीटों पर मतदान होगा. इसके बाद 4 जून को चुनाव नतीजे घोषित किए जाएंगे. वहीं, आखिरी चरण का मतदान संपन्न होने के बाद चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुसार शाम में विभिन्न पोल एजेंसियों के एग्जिट पोल के अनुमान जारी किए जाएंगे. मतदान के बाद लोगों की निगाहें एग्जिट पोल पर रहती हैं, क्योंकि एग्जिट पोल के अनुमान से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि चुनाव में किसी पार्टी को कितनी सीटें मिल सकती हैं या देश में किसी पार्टी की सरकार बनने की उम्मीद है.

हम बात करेंगे 2019 के आम चुनाव को लेकर जारी एग्जिट पोल की. साथ ही यह जानने की कोशिश करेंगे कि पिछले चुनाव में एग्जिट पोल के अनुमान कितने सही साबित हुए थे. लेकिन उससे पहले जानते हैं एग्जिट पोल कैसे किए जाते हैं.

एग्जिट पोल क्या होता है
चुनाव नतीजों का आकलन करने के लिए कुछ निजी एजेंसियों द्वारा एग्जिट पोल कराए जाते हैं. इसके तहत चुनाव के दिन पोलिंग बूथ के बाहर मतदाताओं की राय और उनका झुकाव जानने की कोशिश की जाती है. मतदाताओं से कुल सवाल पूछे जाते हैं- जैसे आपने किसे वोट किया और क्यों किया आदि. इसके बाद मतदाताओं से मिलने वाले डेटा का विश्लेषण किया जाता है, जिसके आधार पर चुनाव परिणाम का अनुमान लगाया जाता है. भारत में कई निजी पोल एजेंसियां चुनावों के दौरान एक तय प्रक्रिया के जरिये यह अभ्यास करती हैं. एग्जिट पोल से अंतिम चुनाव परिणाम की झलक मिलती है. कभी-कभी एग्जिट पोल के अनुमान सही साबित हो जाते हैं. लेकिन कई बार अनुमान गलत भी साबित हुए हैं.

आम चुनाव 2019 के नतीजे
पिछले लोकसभा चुनाव 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा लगातार दूसरी बार भारी बहुमत के साथ सत्ता में आई थी. भाजपा को 303 सीटें मिली थीं. वहीं कांग्रेस को 52, डीएमके और टीएमसी को 24-24, वाईएसआरसीपी को 22, शिवसेना को 18, जेडीयू को 16, बीजेडी को 12, बसपा को 10, टीआरएस (अब बीआरएस) को 10, लोजपा को 6, सपा और एनसीपी को 5-5 और अन्य के खाते में 39 सीटें गई थीं.

2019 के एग्जिट पोल के अनुमान
2019 के आम चुनाव में शुरू से ही माहौल भाजपा के पक्ष में नजर आ रहा है. विपक्ष बिखरा हुआ था. 2019 के ज्यादातर एग्जिट पोल में भाजपा और एनडीए की प्रचंड जीत की भविष्यवाणी की गई थी. अधिकांश एग्जिट पोल में भाजपा और एनडीए को 300 से ज्यादा सीटें मिलने का अनुमान जताया गया था. जबकि कांग्रेस नेतृत्व वाले यूपीए गठबंधन को 100 के आसपास सीटें मिलने की संभावना जताई गई थी. लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजे आने के बाद एक-दो को छोड़कर ज्यादातर एग्जिट पोल के अनुमान सही साबित हुए थे.

पोल एजेंसी भाजपा+ कांग्रेस+ सपा-बसपा+ अन्य
इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया 339-365 77-108 10-16 59-79
टाइम्स नाउ-वीएमआर 306 132 20 84
सी-वोटर 287 128 40 87
एबीपी-नील्सन 277 130 45 90
न्यूज 24-चाणक्य 350 95 97

साल 2019 में भी सात चरणों में लोकसभा चुनाव कराया गया था. भारी नकदी बरामद होने के बाद तमिलनाडु की वेल्लोर लोकसभा सीट पर चुनाव रद्द कर दिया गया था. जबकि कुल 543 में से 542 सीटों पर चुनाव कराया था. 23 मई 2019 को चुनाव के नतीजे घोषित किए थे. पिछले चुनाव में सभी चरणों में औसत 67.09 प्रतिशत मतदान हुआ था.

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हम बात करेंगे 2019 के आम चुनाव को लेकर जारी एग्जिट पोल की. साथ ही यह जानने की कोशिश करेंगे कि पिछले चुनाव में एग्जिट पोल के अनुमान कितने सही साबित हुए थे. लेकिन उससे पहले जानते हैं एग्जिट पोल कैसे किए जाते हैं.
एग्जिट पोल क्या होता है
चुनाव नतीजों का आकलन करने के लिए कुछ निजी एजेंसियों द्वारा एग्जिट पोल कराए जाते हैं. इसके तहत चुनाव के दिन पोलिंग बूथ के बाहर मतदाताओं की राय और उनका झुकाव जानने की कोशिश की जाती है. मतदाताओं से कुल सवाल पूछे जाते हैं- जैसे आपने किसे वोट किया और क्यों किया आदि. इसके बाद मतदाताओं से मिलने वाले डेटा का विश्लेषण किया जाता है, जिसके आधार पर चुनाव परिणाम का अनुमान लगाया जाता है. भारत में कई निजी पोल एजेंसियां चुनावों के दौरान एक तय प्रक्रिया के जरिये यह अभ्यास करती हैं. एग्जिट पोल से अंतिम चुनाव परिणाम की झलक मिलती है. कभी-कभी एग्जिट पोल के अनुमान सही साबित हो जाते हैं. लेकिन कई बार अनुमान गलत भी साबित हुए हैं.
आम चुनाव 2019 के नतीजे
पिछले लोकसभा चुनाव 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा लगातार दूसरी बार भारी बहुमत के साथ सत्ता में आई थी. भाजपा को 303 सीटें मिली थीं. वहीं कांग्रेस को 52, डीएमके और टीएमसी को 24-24, वाईएसआरसीपी को 22, शिवसेना को 18, जेडीयू को 16, बीजेडी को 12, बसपा को 10, टीआरएस (अब बीआरएस) को 10, लोजपा को 6, सपा और एनसीपी को 5-5 और अन्य के खाते में 39 सीटें गई थीं.
2019 के एग्जिट पोल के अनुमान
2019 के आम चुनाव में शुरू से ही माहौल भाजपा के पक्ष में नजर आ रहा है. विपक्ष बिखरा हुआ था. 2019 के ज्यादातर एग्जिट पोल में भाजपा और एनडीए की प्रचंड जीत की भविष्यवाणी की गई थी. अधिकांश एग्जिट पोल में भाजपा और एनडीए को 300 से ज्यादा सीटें मिलने का अनुमान जताया गया था. जबकि कांग्रेस नेतृत्व वाले यूपीए गठबंधन को 100 के आसपास सीटें मिलने की संभावना जताई गई थी. लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजे आने के बाद एक-दो को छोड़कर ज्यादातर एग्जिट पोल के अनुमान सही साबित हुए थे.
साल 2019 में भी सात चरणों में लोकसभा चुनाव कराया गया था. भारी नकदी बरामद होने के बाद तमिलनाडु की वेल्लोर लोकसभा सीट पर चुनाव रद्द कर दिया गया था. जबकि कुल 543 में से 542 सीटों पर चुनाव कराया था. 23 मई 2019 को चुनाव के नतीजे घोषित किए थे. पिछले चुनाव में सभी चरणों में औसत 67.09 प्रतिशत मतदान हुआ था.
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हैदराबाद: लोकसभा चुनाव 2024 आखिरी चरण में प्रवेश कर चुका है. शनिवार एक जून को सातवें और अंतिम चरण का चुनाव होना है. इस चरण में आठ राज्यों की 57 सीटों पर मतदान होगा. इसके बाद 4 जून को चुनाव नतीजे घोषित किए जाएंगे. वहीं, आखिरी चरण का मतदान संपन्न होने के बाद चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुसार शाम में विभिन्न पोल एजेंसियों के एग्जिट पोल के अनुमान जारी किए जाएंगे. मतदान के बाद लोगों की निगाहें एग्जिट पोल पर रहती हैं, क्योंकि एग्जिट पोल के अनुमान से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि चुनाव में किसी पार्टी को कितनी सीटें मिल सकती हैं या देश में किसी पार्टी की सरकार बनने की उम्मीद है.

हम बात करेंगे 2019 के आम चुनाव को लेकर जारी एग्जिट पोल की. साथ ही यह जानने की कोशिश करेंगे कि पिछले चुनाव में एग्जिट पोल के अनुमान कितने सही साबित हुए थे. लेकिन उससे पहले जानते हैं एग्जिट पोल कैसे किए जाते हैं.

एग्जिट पोल क्या होता है
चुनाव नतीजों का आकलन करने के लिए कुछ निजी एजेंसियों द्वारा एग्जिट पोल कराए जाते हैं. इसके तहत चुनाव के दिन पोलिंग बूथ के बाहर मतदाताओं की राय और उनका झुकाव जानने की कोशिश की जाती है. मतदाताओं से कुल सवाल पूछे जाते हैं- जैसे आपने किसे वोट किया और क्यों किया आदि. इसके बाद मतदाताओं से मिलने वाले डेटा का विश्लेषण किया जाता है, जिसके आधार पर चुनाव परिणाम का अनुमान लगाया जाता है. भारत में कई निजी पोल एजेंसियां चुनावों के दौरान एक तय प्रक्रिया के जरिये यह अभ्यास करती हैं. एग्जिट पोल से अंतिम चुनाव परिणाम की झलक मिलती है. कभी-कभी एग्जिट पोल के अनुमान सही साबित हो जाते हैं. लेकिन कई बार अनुमान गलत भी साबित हुए हैं.

आम चुनाव 2019 के नतीजे
पिछले लोकसभा चुनाव 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा लगातार दूसरी बार भारी बहुमत के साथ सत्ता में आई थी. भाजपा को 303 सीटें मिली थीं. वहीं कांग्रेस को 52, डीएमके और टीएमसी को 24-24, वाईएसआरसीपी को 22, शिवसेना को 18, जेडीयू को 16, बीजेडी को 12, बसपा को 10, टीआरएस (अब बीआरएस) को 10, लोजपा को 6, सपा और एनसीपी को 5-5 और अन्य के खाते में 39 सीटें गई थीं.

2019 के एग्जिट पोल के अनुमान
2019 के आम चुनाव में शुरू से ही माहौल भाजपा के पक्ष में नजर आ रहा है. विपक्ष बिखरा हुआ था. 2019 के ज्यादातर एग्जिट पोल में भाजपा और एनडीए की प्रचंड जीत की भविष्यवाणी की गई थी. अधिकांश एग्जिट पोल में भाजपा और एनडीए को 300 से ज्यादा सीटें मिलने का अनुमान जताया गया था. जबकि कांग्रेस नेतृत्व वाले यूपीए गठबंधन को 100 के आसपास सीटें मिलने की संभावना जताई गई थी. लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजे आने के बाद एक-दो को छोड़कर ज्यादातर एग्जिट पोल के अनुमान सही साबित हुए थे.

पोल एजेंसी भाजपा+ कांग्रेस+ सपा-बसपा+ अन्य
इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया 339-365 77-108 10-16 59-79
टाइम्स नाउ-वीएमआर 306 132 20 84
सी-वोटर 287 128 40 87
एबीपी-नील्सन 277 130 45 90
न्यूज 24-चाणक्य 350 95 97

साल 2019 में भी सात चरणों में लोकसभा चुनाव कराया गया था. भारी नकदी बरामद होने के बाद तमिलनाडु की वेल्लोर लोकसभा सीट पर चुनाव रद्द कर दिया गया था. जबकि कुल 543 में से 542 सीटों पर चुनाव कराया था. 23 मई 2019 को चुनाव के नतीजे घोषित किए थे. पिछले चुनाव में सभी चरणों में औसत 67.09 प्रतिशत मतदान हुआ था.

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हैदराबाद: लोकसभा चुनाव 2024 आखिरी चरण में प्रवेश कर चुका है. शनिवार एक जून को सातवें और अंतिम चरण का चुनाव होना है. इस चरण में आठ राज्यों की 57 सीटों पर मतदान होगा. इसके बाद 4 जून को चुनाव नतीजे घोषित किए जाएंगे. वहीं, आखिरी चरण का मतदान संपन्न होने के बाद चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुसार शाम में विभिन्न पोल एजेंसियों के एग्जिट पोल के अनुमान जारी किए जाएंगे. मतदान के बाद लोगों की निगाहें एग्जिट पोल पर रहती हैं, क्योंकि एग्जिट पोल के अनुमान से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि चुनाव में किसी पार्टी को कितनी सीटें मिल सकती हैं या देश में किसी पार्टी की सरकार बनने की उम्मीद है.
हम बात करेंगे 2019 के आम चुनाव को लेकर जारी एग्जिट पोल की. साथ ही यह जानने की कोशिश करेंगे कि पिछले चुनाव में एग्जिट पोल के अनुमान कितने सही साबित हुए थे. लेकिन उससे पहले जानते हैं एग्जिट पोल कैसे किए जाते हैं.
एग्जिट पोल क्या होता है
चुनाव नतीजों का आकलन करने के लिए कुछ निजी एजेंसियों द्वारा एग्जिट पोल कराए जाते हैं. इसके तहत चुनाव के दिन पोलिंग बूथ के बाहर मतदाताओं की राय और उनका झुकाव जानने की कोशिश की जाती है. मतदाताओं से कुल सवाल पूछे जाते हैं- जैसे आपने किसे वोट किया और क्यों किया आदि. इसके बाद मतदाताओं से मिलने वाले डेटा का विश्लेषण किया जाता है, जिसके आधार पर चुनाव परिणाम का अनुमान लगाया जाता है. भारत में कई निजी पोल एजेंसियां चुनावों के दौरान एक तय प्रक्रिया के जरिये यह अभ्यास करती हैं. एग्जिट पोल से अंतिम चुनाव परिणाम की झलक मिलती है. कभी-कभी एग्जिट पोल के अनुमान सही साबित हो जाते हैं. लेकिन कई बार अनुमान गलत भी साबित हुए हैं.
आम चुनाव 2019 के नतीजे
पिछले लोकसभा चुनाव 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा लगातार दूसरी बार भारी बहुमत के साथ सत्ता में आई थी. भाजपा को 303 सीटें मिली थीं. वहीं कांग्रेस को 52, डीएमके और टीएमसी को 24-24, वाईएसआरसीपी को 22, शिवसेना को 18, जेडीयू को 16, बीजेडी को 12, बसपा को 10, टीआरएस (अब बीआरएस) को 10, लोजपा को 6, सपा और एनसीपी को 5-5 और अन्य के खाते में 39 सीटें गई थीं.
2019 के एग्जिट पोल के अनुमान
2019 के आम चुनाव में शुरू से ही माहौल भाजपा के पक्ष में नजर आ रहा है. विपक्ष बिखरा हुआ था. 2019 के ज्यादातर एग्जिट पोल में भाजपा और एनडीए की प्रचंड जीत की भविष्यवाणी की गई थी. अधिकांश एग्जिट पोल में भाजपा और एनडीए को 300 से ज्यादा सीटें मिलने का अनुमान जताया गया था. जबकि कांग्रेस नेतृत्व वाले यूपीए गठबंधन को 100 के आसपास सीटें मिलने की संभावना जताई गई थी. लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजे आने के बाद एक-दो को छोड़कर ज्यादातर एग्जिट पोल के अनुमान सही साबित हुए थे.
साल 2019 में भी सात चरणों में लोकसभा चुनाव कराया गया था. भारी नकदी बरामद होने के बाद तमिलनाडु की वेल्लोर लोकसभा सीट पर चुनाव रद्द कर दिया गया था. जबकि कुल 543 में से 542 सीटों पर चुनाव कराया था. 23 मई 2019 को चुनाव के नतीजे घोषित किए थे. पिछले चुनाव में सभी चरणों में औसत 67.09 प्रतिशत मतदान हुआ था.
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