लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण में 1 जून को वोट डाले जाएंगे। वहीं इसके बाद मतदान की प्रक्रिया समाप्त हो जाएगी और 4 जून को वोटों की गिनती होगी। 1 जून को शाम 6 बजे के बाद जैसे ही वोटिंग खत्म होगी, उसके बाद एग्जिट पोल आने शुरू हो जाएंगे। एग्जिट पोल बताते हैं कि देश में किस पार्टी की सरकार बनने की संभावना सबसे अधिक है।
अब देश में लोग एग्जिट पोल और ओपिनियन पोल को लेकर कंफ्यूज रहते हैं। लोगों के मन में होता है कि ओपिनियन पोल और एग्जिट पोल में क्या अंतर होता है? कई लोग तो उसे एक ही मान लेते हैं लेकिन दोनों के बीच बहुत बड़ा अंतर होता है।
ओपिनियन पोल मतदान शुरू होने से 48 घंटे पहले जारी किया जाता है। यह एक तरीके से प्री पोल सर्वे होता है, जो बताता है कि देश के लोगों का मूड क्या है? कई बार तो ऐसा होता है कि ओपिनियन पोल के बाद ही पार्टी टिकट बंटवारे पर फैसला लेती है। ओपिनियन पोल बताता है कि देश में लोगों का मूड किस राजनीतिक दल की तरफ अधिक है और लोग अपने नेता के तौर पर किसे देखना चाहते हैं?
एग्जिट पोल किसी भी सीट पर चुनाव खत्म होने के बाद मतदाताओं से पूछ कर किया जाता है। जब भी वोटर पोलिंग बूथ से वोट देकर निकलता है, उसके बाद उसकी राय पूछी जाती है कि उसने किस उम्मीदवार और किन मुद्दों पर वोट दिया है। एग्जिट पोल के दौरान डाटा को कास्ट वाइज भी कलेक्ट किया जाता है और इसके बाद इसका एनालिसिस किया जाता है। यह सब डेटा कलेक्ट करने के बाद बताया जाता है कि किस पार्टी को कितनी सीटें मिल सकती हैं। ओपिनियन पोल के मुकाबले एग्जिट पोल का सैंपल साइज बड़ा होता है।
अगर हम एग्जिट पोल और ओपिनियन पोल के बीच के बड़े अंतर की बात करें, तो यह समय का होता है। ओपिनियन पोल मतदाताओं की पसंद जानने के लिए किए जाते हैं जबकि एग्जिट पोल यह जानने के लिए किया जाता है कि वोटर ने किसे वोट किया है। आमतौर पर एग्जिट पोल न्यूज़ चैनल और सर्वे एजेंसियां करती हैं।
आंध्र प्रदेश में 2024 के लोकसभा चुनावों के एग्जिट पोल में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की भारी जीत का अनुमान लगाया गया है। इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया, एबीपी-सीवोटर, न्यूज18 मेगा एग्जिट पोल, टुडेज चाणक्य, जन की बात और पीएमएआरक्यू जैसे कई पोलस्टर्स के अनुमानों से पता चलता है कि भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए 25 में से 19-25 सीटें जीत सकती है।