लोकसभा चुनाव 2024 के प्रचार के दौरान मध्य प्रदेश और इससे ही निकले राज्य छत्तीसगढ़ में फ़ॉर्म पॉलिटिक्स जोरों पर है। इस बार कांग्रेस भी इस खेल में पीछे नहीं है। बताया जाता है कि इसकी शुरुआत दिसंबर 2023 में छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने की थी। तब उसे इसका काफी फायदा मिला था। तो लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में भी इस प्रयोग का विस्तार किया जा चुका है।
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में 70 साल से अधिक उम्र के सभी बुजुर्गों से आयुष्मान योजना का फार्म भरवाया जा रहा है। उनसे वादा किया जा रहा है कि केंद्र में फिर से मोदी सरकार बनने पर उन्हें आयुष्मान योजना का लाभ मिलेगा।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने खुद कई बुजुर्गों के फॉर्म भरे। उनका कहना है कि दुनिया के किसी भी देश में बुजुर्गों के लिए इलाज को लेकर इस तरह की शानदार व्यवस्था नहीं की गई है। उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश में 40 लाख से अधिक बुजुर्गों को इसका फायदा मिलेगा।
बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में फॉर्म पॉलिटिक्स से मिले फायदे को देखते हुए लोकसभा चुनाव में भी इस रणनीति को अपनाया है। खबरों के मुताबिक, बीजेपी ने छत्तीसगढ़ की हर लोकसभा सीट पर बुजुर्गों से 50,000 आयुष्मान फॉर्म भरवाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए पार्टी नेताओं को हर विधानसभा सीट पर बाकायदा जिम्मेदारी सौंपी गई है।
आयुष्मान फॉर्म में बुजुर्ग का नाम, उनकी उम्र, उनका लोकसभा क्षेत्र कौन सा है, मोबाइल नंबर जैसी कई जानकारी हैं। इन फॉर्म को पार्टी के शीर्ष नेताओं तक पहुंचाया जा रहा है।
चुनाव आयोग के मुताबिक, मध्य प्रदेश में कुल 5.65 करोड़ मतदाता हैं। इनमें से 6.99 लाख मतदाता 80 साल या उससे ऊपर की उम्र के हैं। छत्तीसगढ़ में कुल 1.97 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें 80 वर्ष से अधिक उम्र वाले 2.02 लाख मतदाता हैं।
कांग्रेस अपनी पिछली गलती से सीख लेते हुए लोकसभा के चुनाव में छत्तीसगढ़ में बीपीएल महिलाओं से एक फॉर्म भरवा रही है। कांग्रेस कार्यकर्ता महिलाओं से नारी न्याय गारंटी योजना का फॉर्म भरवा रहे हैं। इसमें वादा किया गया है कि केंद्र में अगर इंडिया गठबंधन की सरकार बनती है तो गरीब महिलाओं को हर माह 8000 रुपए दिए जाएंगे। यानी साल में करीब 1 लाख रुपए। पार्टी ने कहा है कि यह पैसा उनके बैंक खाते में ट्रांसफर किया जायेगा।
कांग्रेस इस बात को जानती है कि छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की यह योजना काफी कारगर रही थी और अगर वह भी इस योजना पर गंभीरता से चलेगी तो उसे चुनाव में इसका फायदा मिल सकता है।
2019 के लोकसभा चुनाव के नतीजों को देखें तो मध्य प्रदेश में बीजेपी को 29 में से 28 सीटों पर जीत मिली थी। एक सीट छिंदवाड़ा पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ जीते थे।
11 सीटों वाले छत्तीसगढ़ में बीजेपी को 9 सीटों पर जीत मिली थी और दो सीटों पर कांग्रेस जीती थी। कांग्रेस को कोरबा और बस्तर सीट पर जीत मिली थी।
छत्तीसगढ़ में दिसंबर, 2023 में हुए विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी ने फार्म भरवाने की रणनीति पर काम किया था। छत्तीसगढ़ में चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी के नेता व कार्यकर्ता महिलाओं से पूछते थे कि आपने महतारी वंदन योजना का फॉर्म भर दिया है या नहीं। इस फॉर्म में बीजेपी की ओर से वादा किया गया था कि राज्य में अगर पार्टी सत्ता में आती है तो महतारी वंदन योजना के तहत महिलाओं को 1000 रुपए प्रतिमाह दिया जाएगा। खबरों के मुताबिक, बीजेपी ने छत्तीसगढ़ में महतारी वंदन योजना के 56 लाख से अधिक फार्म भरवाए थे।
कहा जाता है कि इस फॉर्म पॉलिटिक्स की वजह से राज्य का चुनावी माहौल बदल गया था। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के परिणाम बीजेपी के पक्ष में रहे थे। 90 सीटों वाले इस प्रदेश में बीजेपी को 55 सीटों पर जीत मिली थी जबकि चुनाव प्रचार के दौरान तमाम राजनीतिक विश्लेषकों का मानना था कि राज्य में कांग्रेस एक बार फिर सत्ता में वापसी कर सकती है। तमाम ओपिनियन पोल्स व सर्वे में भी कांग्रेस की वापसी की भविष्यवाणी की गई थी। यह योजना बीजेपी के लिए गेम चेंजर साबित हुई थी।
चुनाव के नतीजों के बाद जब कांग्रेस ने हार के कारणों की पड़ताल की थी तो इसमें बीजेपी की ओर से महतारी वंदन योजना के फार्म भरवाना हार की बड़ी वजह के रूप में सामने आया था।
