आंदोलनकारी पहलवान सरकार से एक समझौते पर जरूर पहुंचते दिखे हैं। इसी के चलते तीनों खिलाड़ियों ने अपनी रेलवे की नौकरी दोबारा जॉइन कर ली है और फिलहाल कार्रवाई के लिए इंतजार पर सहमति जताई है।
पहलवानों का कहना था कि वे बृजभूषण की गिरफ्तारी होने तक आंदोलन जारी रखेंगे। लेकिन अमित शाह ने इसे लेकर कहा कि कानूनी प्रक्रिया के तहत बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी पर फैसला होगा। यही नहीं अमित शाह से पहलवानों को भरोसा दिया गया कि यदि उन्हें लगता है कि कार्रवाई ठीक नहीं हो रही है तो फिर मामले की जांच सीबीआई को दी जा सकती है। इसके अलावा जांच के बाद मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में भी चलाया जा सकता है। माना जा रहा है कि गृह मंत्री के इन आश्वासनों से पहलवान संतुष्ट थे और इसी के चलते नौकरी पर लौटने का फैसला लिया।
पहलवानों के ड्यूटी पर लौटने से सरकार को क्या राहत
साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट के ड्यूटी पर लौटने से सरकार को भी राहत मिली है। इसकी वजह यह है कि पहलवानों का आंदोलन राजनीतिक रंग लेता जा रहा था और दिल्ली के साथ ही हरियाणा एवं पश्चिम यूपी में भी किसान नेताओं और आरएलडी, कांग्रेस जैसी पार्टियां सक्रिय हो रही थीं। ऐसे में पहलवानों का ड्यूटी पर लौटना भले ही आंदोलन के लिए विराम है, लेकिन सरकार के लिए भी राहत लेकर आया है।