
कानपुर के जच्चा-बच्चा अस्पताल में मेट्रोजिल इंजेक्शन लगने के बाद कई महिलाओं की हालत बिगड़ गई। उन्हें ऑक्सीजन की कमी के बीच तेजी से सेचुरेशन लेवल गिरा। इमरजेंसी दवाएं देकर स्थिति नियंत्रित की गई। अब महिलाओं को दी जाने वाली दवाएं सैंपलिंग के लिए भेजी जाएगी । अस्पताल में मेट्रोजिल इंजेक्शन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है।
सांस लेने में समस्या के बाद महिला विशेषज्ञों ने उन्हें इमरजेंसी दवाएं देकर स्थिति को नियंत्रित किया। जच्चा बच्चा अस्पताल की विभागाध्यक्ष डॉ नीना गुप्ता ने बताया कि अस्पताल के पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड में ऑपरेशन के बाद भर्ती चौबेपुर की रोमी नवाबगंज की सविता दादा नगर की मीता दामोदर नगर की सहाना अशोक नगर की नेहा और हरजिंदर नगर की बीना को मेट्रोजिल इंजेक्शन दिया गया जिसके बाद उनकी स्थिति अचानक बिगड़ी।
ऑक्सीजन सैचुरेशन स्तर घटने के बाद तेजी से ठंड लगने की शिकायत आने पर तत्काल प्रभाव से सभी को इमरजेंसी दवाएं देकर स्थिति को नियंत्रित किया गया। उन्होंने बताया कि अस्पताल में मेट्रोजिल इंजेक्शन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई। प्रमुख अधीक्षक को इसके बारे में जानकारी देकर मेट्रोजिल इंजेक्शन की सेंपलिंग करने के लिए निर्देशित किया गया है। उन्होंने बताया कि किस दवा से रिएक्शन हुआ है यह पता लगाया जा रहा है हालांकि शुरुआती जांच में मेट्रोजिल के 1 बैच से इस प्रकार की समस्या दिख रही है।
उन्होंने बताया कि मेट्रोजिल इंजेक्शन का यह बैच 3 जुलाई को ही विभाग को मिला है इसके शेष बचे हुए बोतल पर रोक लगा दी गई है ड्रग इंस्पेक्टर द्वारा इसकी जांच हो जाने के बाद ही स्थिति फाइनल होगी। उन्होंने बताया कि इंजेक्शन के इलेक्शन के बाद डॉक्टर सविता साहू ने प्राथमिक उपचार बिना देरी देकर सब के जीवन को सुरक्षित। अस्पताल में मौजूद सभी सीनियर डॉक्टर ने भी तत्परता दिखाते हुए ऑक्सीजन स्तर घटने वाले मरीजों की जांच की।