90 के बजाय सिर्फ 53 हजार करोड़ का निवेश होने पर नाराज हुए योगी के मंत्री, अधिकारियों की लगाई क्लास

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ग्राउंड ब्रेकिंग सेरमनी के लिए तय 90 हजार करोड़ के लक्ष्य के मुकाबले अभी तक केवल 60 प्रतिशत ही पूरा हो पाया है। इसको लेकर औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नंदी ने नाराजगी जताई।

90 के बजाय सिर्फ 53 हजार करोड़ का निवेश होने पर नाराज हुए योगी के मंत्री, अधिकारियों की लगाई क्लास

ग्राउंड ब्रेकिंग सेरमनी के लिए तय 90 हजार करोड़ के लक्ष्य के मुकाबले अभी तक केवल 60 प्रतिशत ही पूरा हो पाया है। इसको लेकर औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने नाराजगी जताई और कहा कि जो पहले से तय लक्ष्य को हर हाल में पूरा किया जाए। लक्ष्यपूर्ति में लापरवाही कत्तई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। नोएडा यूपी का मुकुट है।

मंत्री ने यह निर्देश सोमवार को लखनऊ में नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा उद्योगों को स्थापित करने के लिए किए जा रहे कार्यों की समीक्षा बैठक में दिए। मंत्री नंदी ने कहा कि प्रस्तावित ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के लिए 90,000 करोड़ के लक्ष्य के सापेक्ष केवल 53,875 करोड़ के ही निवेश तैयार हैं जो लक्ष्य का मात्र 60 प्रतिशत ही है, अधिकारी बताएं कि निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति क्यों नहीं की जा सकी है। जिसका अधिकारी जवाब नहीं दे सके।

मंत्री नंदी ने अधिकारियों से पूछा कि वर्तमान में विभिन्न श्रेणियों में कुल 319 एकड़ भूमि आवंटन हेतु रिक्त है। सबसे ज्यादा 222 एकड़ वाली जगह उपयोग की भूमि आवंटन हेतु उपलब्ध है। बताएं कि रिक्त भूखंडों की आवंटन की क्या कार्य योजना है। अवशेष 319 एकड़ भूमि का आवंटन कब तक कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सीएजी द्वारा अप्रैल 2018 से दिसंबर 2022 तक के कार्यों के कंप्लायंस ऑडिट में कुल 65 आपत्तियां जारी की गई थी, जिसमें से मात्र 28 का ही जवाब अभी तक भेजा गया है। शेष 378 आपत्तियों का जवाब क्यों नहीं भेजा गया। शीघ्र ही इनका जवाब भेजा जाए एवं सभी 65 ऑडिट आपत्तियों को ड्रॉप कराया जाए। यदि आपत्ति ड्रॉप नहीं होती है तो इन वित्तीय प्रशासनिक अनियमितताओं के लिए दोषी अधिकारियों, कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए। बैठक में आईआईडीसी मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव औद्योगिक विकास अनिल सागर, सीईओ नोएडा अथॉरिटी एम लंकेश जी व अन्य अधिकारी उपथित रहे।

यह निर्देश दिए गए 

-नोएडा को सेफ सिटी बनाने के लिए प्रत्येक कोने को सीसीटीवी कैमरे से आच्छादित किया जाए।
-एमओयू को लैंड रिक्वायरमेंट के अनुरूप साइट विजिट कराई जाए।
-उद्यमी मित्रों को सक्रिय रखते हुए अथॉरिटी और उद्योगों के मध्य बेहतर समन्वय स्थापित करें।
– मानचित्र में कमियां दूर करा तय समय में स्वीकृत किया जाए।

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