
महाराष्ट्र की एक अदालत ने मुस्लिम व्यक्ति को दिन में 5 बार नमाज पढ़ने और 2 पेड़ लगाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने यह आदेश एक सड़क विवाद में दिया। दरअसल महाराष्ट्र के मालेगांव में एक मजिस्ट्रेट अदालत ने हाल ही में एक मुस्लिम व्यक्ति को सड़क विवाद के एक मामले में दोषी ठहराया। जिसके बाद कोर्ट ने मुस्लिम शख्स को एक दिन में दो पेड़ लगाने और पांच बार नमाज अदा करने की सजा सुनाई। यह दोषी द्वारा कारावास न भुगतने के लिए अदालत द्वारा रखी गई शर्त थी।
मजिस्ट्रेट तेजवंत सिंह संधू ने कहा कि प्रोबेशन ऑफ ऑफेंडर्स एक्ट 1958 की धारा 3 एक मजिस्ट्रेट को सजा या उचित चेतावनी के बाद दोषी को रिहा करने की शक्ति प्रदान करती है ताकि वह अपराध को दोबारा न करे। हालांकि, अदालत ने यह भी तर्क दिया कि केवल एक चेतावनी पर्याप्त नहीं होगी। उन्होंने कहा कि यहां यह महत्वपूर्ण है कि दोषी चेतावनी और अपनी सजा को याद रखे ताकि वह अपने कृत्यों को न दोहराए।
इसके बाद, अदालत ने दोषी को सोनपुरा मस्जिद के परिसर में दो पेड़ लगाने का आदेश दिया। इसी जगह पर उसने अपराध किया था और उसे पेड़ों की देखभाल करने का भी आदेश दिया। आरोपी ने अदालत को बताया था कि इस्लामिक आस्था में यकीन रखने वाला व्यक्ति होने के बावजूद वह नियमित नमाज नहीं पढ़ रहा था। इसे देखते हुए कोर्ट ने दोषी को अगले 21 दिनों तक दिन में पांच बार नमाज पढ़ने का आदेश दिया।
30 वर्षीय दोषी पर 2010 में एक मामला दर्ज किया गया था। व्यक्ति रउफ खान उमर खान एक ऑटोरिक्शा चालक था। उसके ऑटो ने 2010 में पावरलूम शहर मालेगांव की एक संकरी गली में एक खड़ी बाइक को टक्कर मार दी थी। शिकायतकर्ता द्वारा इस बारे में पूछताछ करने के बाद, खान ने शिकायतकर्ता पर हमला किया था। दोषी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 325 (स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाना), 504 (शांति भंग करने के लिए जानबूझकर अपमान) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया था। मजिस्ट्रेट ने माना कि खान धारा 323 के तहत दोषी था, उसे शेष अपराधों से बरी कर दिया गया था।