सीएम योगी ने दिया निर्देश, सभी नगर निगमों में बनेगा इलेक्ट्रिक पशु शवदाह गृह

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि निराश्रित गोवंश संरक्षण का कार्य बिना समाज के सहयोग के कभी पूर्ण नहीं हो सकता। निराश्रित गोवंश के संरक्षण में आम जन को सहयोग के लिए आमंत्रित किया जाना चाहिए।

सीएम योगी ने दिया निर्देश, सभी नगर निगमों में बनेगा इलेक्ट्रिक पशु शवदाह गृह

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि निराश्रित गोवंश संरक्षण का कार्य बिना समाज के सहयोग के कभी पूर्ण नहीं हो सकता। निराश्रित गोवंश के संरक्षण में आम जन को सहयोग के लिए आमंत्रित किया जाना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि एक भी गोवंश निराश्रित न हो पाए, सबके आश्रय-भरण-पोषण का प्रबंध होना चाहिए। साथ ही सीएम ने कहा है कि हर निगम में इलेक्ट्रिक शवदाहगृह बनेंगे।

जनता से आर्थिक सहयोग की बनाएं नीति

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में निराश्रित गोवंश आश्रय स्थलों के प्रबंधन और प्रदेश में दुग्ध उत्पादन, संग्रह की समीक्षा करते हुए ये निर्देश दिए। सीएम ने कहा कि बड़ी संख्या में लोग स्थानाभाव के कारण गो-सेवा नहीं कर पाते हैं। ऐसे परिवारों से एक निश्चित आर्थिक सहयोग लेकर उनके द्वारा चिन्हित गोवंश की निराश्रित गोआश्रय स्थल पर सेवा की जानी चाहिए। यदि गाय दूध दे रही है तो उसका उपयोग भी संबंधित परिवार को करने की अनुमति दें। इस संबंध में संबंधित विभाग द्वारा स्पष्ट नीति तैयार की जाए।

हर जिले में 4000 गोवंश क्षमता के लिए चिह्नित करें स्थान 

सीएम ने कहा कि छोटे-छोटे निराश्रित गोवंश स्थलों के स्थान पर बड़े गोवंश स्थल उपयोगी हो सकते हैं। हमें नस्ल सुधार व गोबरधन प्लांट जैसे कार्यक्रमों को बढ़ाने की जरूरत है। हर विकास खंड व जनपद स्तर पर 4000-5000 गोवंश क्षमता के वृहद गोवंश स्थल के लिए स्थान चिन्हित किया जाए। प्रत्येक निराश्रित गो-आश्रय स्थलों पर केयर टेकर की तैनाती जरूर हो। निराश्रित गो-आश्रय स्थलों में अतिरिक्त शेड का निर्माण कराएं। टूटे हुए कैटल शेड की मरम्मत कराएं। गोवंश का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण भी होना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि निराश्रित गो-आश्रय स्थलों में व्यवस्था के निरीक्षण के लिए हर जनपद में नोडल अधिकारी तैनात किया जाए। ब्लॉक स्तर पर पशु चिकित्साधिकारी की जिम्मेदारी हो। जनपद स्तर पर व्यवस्था की साप्ताहिक समीक्षा करते हुए शासन को मासिक रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाए। पशुपालन, ग्राम्य विकास, पंचायती राज व नगर विकास विभाग अंतर्विभागीय समन्वय के साथ गो-आश्रय स्थलों में अच्छी सुदृढ़ व्यवस्था के लिए कार्य करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी दशा में मृत पशुओं को नदियों में प्रवाहित न किया जाए। हमें इसके लिए लोगों को व्यवस्था देनी होगी। सभी नगर निगमों में पशुओं, जानवरों के अंत्येष्टि के लिए इलेक्ट्रिक शवदाहगृह का निर्माण कराएं। चरणबद्ध रूप से इसे अन्य नगरीय निकायों में स्थापित किया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए कि गोवंश की सेवा कर रहे सभी परिवारों को ₹900 प्रतिमाह की राशि हर महीने उपलब्ध करा दी जाए। इसमें कतई विलम्ब न हो। डीबीटी के माध्यम से धनराशि सीधे परिवार को भेजी जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर जैसी संस्थाओं ने अनुकरणीय कार्य किया है। सभी जनपदों में दुग्ध समितियों के गठन को और विस्तार दिया जाए। इसमें महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है। पशुपालन, दुग्ध उत्पादन, विक्रय, नस्ल सुधार आदि संबंधित विषयों की विभागीय मंत्री द्वारा साप्ताहिक समीक्षा की जाए। लक्ष्य निर्धारित करें, उसके सापेक्ष प्रयास करें।
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