न्यूयॉर्क में 300 प्रदर्शनकारी छात्र हिरासत में, मेयर बोले शांतिपूर्वक प्रदर्शन ठीक पर तोड़-फोड़ बर्दाश्त नहीं – BBC News हिंदी

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न्यूयॉर्क के मेयर एरिक एडम्स ने कहा है कि कोलंबिया यूनिवर्सिटी के निवेदन पर उन्होंने बिल्डिंग के भीतर जमे हुए छात्रों के ख़िलाफ़ एक बड़ा अभियान चलाया था.
कीर्ति दुबे
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पुलिस ने कोलंबिया यूनिवर्सिटी और द सिटी यूनिवर्सिटी ऑफ़ न्यूयॉर्क में 300 प्रदर्शनकारियों को गिरफ़्तार कर लिया है.
न्यूयॉर्क के मेयर एरिक एडम्स ने कहा है कि कोलंबिया यूनिवर्सिटी के निवेदन पर उन्होंने बिल्डिंग के भीतर जमे हुए छात्रों के ख़िलाफ़ एक बड़ा अभियान चलाया था.
शहर के अधिकारियों का कहना है कि यूनिवर्सिटी के भीतर फ़लस्तीन के समर्थन में हो रहे शांतिपूर्वक प्रदर्शनों में बाहरी तत्व शामिल हो गए थे. लगभग ऐसे ही बयान अमेरिका के कई अन्य शहरों से भी आए हैं.
न्यूयॉर्क के मेयर ने ऑपरेशन के दौरान मीडिया को बताया कि कोलंबिया में चल रहे बड़े अभियान के बीच पुलिस शहर की बाक़ी जगहों की सुरक्षा का भी ख़्याल रख रही है.
उन्होंने कहा न्यूयॉर्क जैसे बड़े शहर में और भी कई घटनाएं होती रहती हैं. उन्होंने कहा युवाओं को रेडिकल बनाना एक ग्लोबल समस्या बन रही है.
एरिक एडम्स ने कहा कि वो न्यूयॉर्क में ऐसा बिल्कुल नहीं होने देंगे. उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों को शांतिपूर्वक प्रदर्शन करना चाहिए था पर वो अफ़रा तफ़री का माहौल बना रहे हैं.
विचारों की अभिव्यक्ति के बारे में मेयर एडम्स ने कहा, “छात्रों को विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार है और स्वतंत्र विचार हमारे समाज की पहचान है. लेकिन इमारतों के घेराबंदी, प्रॉपर्टी को नुकसान और सिक्युरिटी कैमरों को निष्क्रिय करना शांतिपूर्वक व्यवहार नहीं कहा जा सकता.”
छात्रों ने क्या कहा?
कोलंबिया यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले 31 वर्षीय मेघनाद बोस ने पुलिस की कार्रवाई पर बतौर छात्र पत्रकार रिपोर्टिंग की है.
वे कहते हैं कि पुलिस जब छात्रों की गिरफ़्तारी कर रही थी, उन्हें और अन्य पत्रकारों को कैंपस के एक कोने में खदेड़ दिया गया.
मेघनाद बोस ने बताया कि पुलिस काफ़ी आक्रामक थी. बोस के मुताबिक छात्रों का प्रदर्शन आमतौर पर शांतिपूर्वक था.
मेघनाद बोस ने बताया, “कल न्यूयॉर्क पुलिस ज़रूरत से ज़्यादा आक्रामक लगी.”
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कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने कथित यौन उत्पीड़न मामले में जेडीएस नेता और हासन से सांसद प्रज्वल रेवन्ना की भारत वापसी सुनिश्चित करने के लिए उनका राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने की मांग की है.
प्रज्वल रेवन्ना पर यौन उत्पीड़न, सैकड़ों सेक्स वीडियो रिकॉर्ड करने, धमकाने और साज़िश रचने के आरोप हैं. कई वीडियो वायरल होने के बीच प्रज्वल रेवन्ना के जर्मनी जाने की बात सामने आई है.
इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह और अन्य बीजेपी नेताओं ने कर्नाटक सरकार पर इस मामले में देर से जांच करने पर सवाल उठाए थे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि जैसे ही कई महिलाओं के साथ कथित यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया तो वैसे ही राज्य सरकार ने जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया.
पत्र में सीएम ने बताया कि 28 अप्रैल को प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है.
इस बीच प्रज्वल रेवन्ना ने अपने वकीलों के जरिए एसआईटी को एक पत्र भेजा है, जिसमें कहा गया है कि वे फिलहाल बेंगलुरु में नहीं हैं.
रेवन्ना ने एसआईटी के सामने पेश होने के लिए सात दिनों का वक्त बढ़ाने की मांग की है. एसआईटी ने मंगलवार, 30 अप्रैल को नोटिस जारी कर 24 घंटे के अंदर पेश होने के लिए कहा था.
पत्र में क्या है?
सिद्धारमैया ने प्रधानमंत्री से अपील की है कि वे विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय को प्रज्वल रेवन्ना का पासपोर्ट रद्द करने के लिए तुरंत कदम उठाने को कहें.
उन्होंने प्रधानमंत्री से ये मांग भी की है कि भारत सरकार के कूटनीतिक और पुलिस चैनलों के अलावा अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की मदद लेने जैसे अन्य कदम उठाकर भगोड़े सांसद को फौरन देश वापस लाना सुनिश्चित किया जाए ताकि उनके ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई की जाए.
सिद्धारमैया ने अपनी चिट्ठी में लिखा है, "सांसद और हासन से एनडीए के लोकसभा प्रत्याशी पर लगाए गए आरोप बेहद डरावने और शर्मनाक़ हैं और इन आरोपों ने देश की चेतना को हिलाकर रख दिया है."
"पुलिस केस और गिरफ़्तारी को भांपकर लोकसभा से एनडीए प्रत्याशी और अभियुक्त संसद सदस्य प्रज्वल रेवन्ना देश छोड़कर भाग गया है. वो 27 अप्रैल को विदेश के लिए रवाना हुए."
"रिपोर्टों से ये पता चला है कि वह डिप्लोमैटिक पासपोर्ट पर यात्रा कर रहे हैं."
इस मामले की जांच के लिए गठित की गई स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) को भेजी गई चिट्ठी में प्रज्वल रेवन्ना ने लिखा है, "मेरे क्लाइंट प्रज्वल रेवन्ना बेंगलुरु के बाहर यात्रा पर हैं और उन्हें नोटिस की जानकारी दे दी गई है. मेरे क्लाइंट को बेंगलुरु लौटने और नोटिस के अनुसार, आपके समक्ष पेश होने के लिए सात दिनों की मोहलत चाहिए."
इस बीच प्रज्वल रेवन्ना के पिता एचडी रेवन्ना ने पत्रकारों को बताया कि वो एसआईटी के समक्ष पेश होंगे और जांच में सहयोग करेंगे. हालांकि ये साफ़ नहीं है कि प्रज्वल रेवन्ना एसआईटी के समक्ष कब पेश होंगे. रेवन्ना परिवार के घर में खाना बनाने वाली एक महिला ने एचडी रेवन्ना पर भी यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है और ये भी कहा है कि उनके बाद प्रज्वल रेवन्ना ने भी उनका यौन उत्पीड़न करने का प्रयास किया था.
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सलमान ख़ान के घर पर फायरिंग मामले में एक अभियुक्त ने बुधवार को पुलिस कस्टडी में कथित तौर पर आत्महत्या करने की कोशिश की.
अभियुक्त अनुज कुमार थापन अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. वे पंजाब के रहने वाले थे.
सुबह करीब 11.30 बजे 32 साल के अनुज एक चादर लेकर लॉकअप के साथ लगे टॉयलेट में गए, जहां उन्होंने उस चादर से आत्महत्या करने की कोशिश की.
जानकारी मिलते ही पुलिस, अभियुक्त को गोकुलदास तेजपाल अस्पताल लेकर गई. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक डॉक्टरों ने अभियुक्त को मृत घोषित कर दिया.
दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान पुलिस स्टेशन में एक्सिटेंडल मौत का मामला दर्ज किया गया है. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि अभियुक्त ने आत्महत्या जैसा कदम क्यों उठाया.
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अभियुक्तों के बारे में क्या पता है?
पुलिस ने पंजाब के फाजिल्का ज़िले से अनुज कुमार थापन (32 वर्ष) और सोनू कुमार बिश्नोई (35 वर्ष) को गिरफ्तार किया था.
गिरफ़्तार किए गए इन दोनों लोगों पर ये आरोप है कि उन्होंने बांद्रा में सलमान ख़ान के घर पर हमला करने वाले अभियुक्त को दो पिस्टल और ज़िंदा कारतूस मुहैया कराए थे.
14 अप्रैल, 2024 की सुबह लगभग पांच बजे दो अज्ञात हमलावरों ने मुंबई में गैलेक्सी अपार्टमेंट की दिशा में फायरिंग की थी.
मुंबई के बांद्रा इलाके में स्थित गैलेक्सी अपार्टमेंट में सलमान ख़ान रहते हैं. फ़ायरिंग के वक़्त सलमान ख़ान और उनके परिवार के लोग घर में ही थे.
फ़ायरिंग की वारदात सीसीटीवी कैमरे में भी रिकॉर्ड हुई है. हमलावरों ने घटना को अंज़ाम देते वक़्त जिस मोटर साइकिल का इस्तेमाल किया था, वो मौका-ए-वारदात से थोड़ी दूर पर ही बरामद कर ली गई थी.
घटना के 72 घंटों के भीतर मुंबई क्राइम ब्रांच ने विकी कुमार गुप्ता (24 वर्ष) और सागर कुमार (23 वर्ष) नाम के दो संदिग्धों को गुजरात के भुज से गिरफ़्तार किया था.
इन पर फ़ायरिंग की घटना में शामिल होने का आरोप है. दोनों ही अभियुक्तों को 14 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई ने घटना की जिम्मेदारी लेने का दावा किया है.
लॉरेंस बिश्नोई गैंग के ख़िलाफ़ कड़ा कदम उठाते हुए इस केस में क्राइम ब्रांच ने मकोका क़ानून (महाराष्ट्र प्रिवेंशन ऑफ़ ऑर्गनाइज़्ड क्राइम एक्ट) के तहत एक केस दर्ज किया है.
इस केस में लॉरेंस बिश्नोई, उनके छोटे भाई अनमोल बिश्नोई और छह अन्य लोगों को अभियुक्त बनाया है.
वकील का क्या कहना है?
अनुज कुमार थापन और सोनू बिश्नोई 15 मार्च को राजगढ़ ज़िले के पनवेल आए थे.
उनके आने का मक़सद विकी कुमार गुप्ता और सागर कुमार पाल को दो देसी पिस्टल और 38 ज़िंदा कारतूस हैंडओवर करना था.
हालांकि वकील अजय दुबे ने अदालत में ये दावा किया कि अनुज और सोनू ने न तो अन्य अभियुक्तों को हथियार दिए थे और न ही वे पनवेल गए थे और न ही उनका बिश्नोई गैंग से कोई रिश्ता है.
उन्होंने ये भी कहा कि उनके मुवक्किल के ख़िलाफ़ लगाए गए तमाम आरोप बेबुनियाद हैं और उन्हें झूठे मामले में फंसाया जा रहा है.
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गुजरात के बनासकांठा में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस को चुनौती दी है.
उन्होंने कहा, "इंडी गठबंधन को मेरी चुनौती है कि घोषित करें, गारंटी दे देश को, लिखित में क्योंकि उन पर भरोसा नहीं कर सकते कि वो धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं देंगे. घोषित करें."
पीएम मोदी ने कहा, "दूसरी घोषणा करें कि एससी, एसटी और ओबीसी और सामान्य वर्ग के आरक्षण को कभी हाथ नहीं लगाएंगे. करें घोषणा. नहीं करेंगे, मैं जानता हूं कि ये कभी भी ऐसा लिख कर नहीं दे पाएंगे. देखना आप, मीडिया में जो उनकी जमात है ना, जो उनके गाजे बाजे बजाते हैं, वो मेरे इस चैलेंज को ही दबा देंगे, क्योंकि वे उनकी रक्षा में लगे हैं."
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Her मेनिफ़ेस्टो जारी, इस पर क्या है युवाओं का नज़रिया, उनसे बात कर रही हैं बीबीसी मराठी संवाददाता अनघा पाठक. लाइव देखने के लिए यहां क्लिक करें.
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देश के गृह मंत्री और बीजेपी नेता अमित शाह ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कथित तौर पर एडिटेड वीडियो पर प्रतिक्रिया दी है.
कुछ दिनों से अमित शाह का एक कथित फेक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है जिसमें वो आरक्षण को खत्म करने की बात कह रहे हैं. हालांकि इस मामले में पुलिस ने कई नेताओं और लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है.
अमित शाह ने कहा, "कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषणापत्र में जो बातें रखी हैं, मोदी जी ने उसे सरलता के साथ लोगों के सामने रखा है. जनता में जब ये बातें ये क्लिक कर रही हैं, तो कांग्रेस बड़ी चिंतित है. इसलिए अनर्गल आरोप लगा रही है."
संविधान को तोड़ने मरोड़ने के आरोप पर अमित शाह ने कहा, "राहुल गांधी सरासर झूठ बोल रहे हैं. हमारे पास दस साल से बहुमत है. हमने क्या किया संविधान का. हमने अपने बहुमत का इस्तेमाल अनुच्छेद 370 हटाने, ट्रिपल तलाक हटाने में किया. वो 400 पार के नारे से डरे हैं, इसलिए इस तरह की भ्रांति फैला रहे हैं….हमने 16 सालों से आरक्षण को छुआ नहीं है, न छूना चाहते हैं."
उन्होंने कहा, "ये डेस्परेट हैं, इसलिए मेरे वीडियो को भी उन्होंने एडिट करके गलत तरीके से लोगों के बीच में डाला.
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प्रज्वल रेवन्ना पर क्या बोले?
जेडीएस नेता और हासन लोकसभा सीट से सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर भी उन्होंने बात की.
रेवन्ना पर यौन उत्पीड़न, सैकड़ों सेक्स वीडियो रिकॉर्ड करने, धमकाने और साज़िश रचने के आरोप हैं. कई वीडियो वायरल होने के बीच प्रज्वल रेवन्ना के जर्मनी जाने की बात सामने आई है.
अमित शाह ने कहा, "कर्नाटक में सरकार किनकी है? कांग्रेस पार्टी की है. लॉ एंड ऑर्डर की जिम्मेदारी उनकी है. कई महीनों से वो बात उनको मालूम थी, लेकिन जब तक वोक्कालिगा वोटिंग खत्म नहीं हुई, तब तक उन्हें नहीं पकड़ा, भाग जाने दिया. जिम्मेदारी अगर किसी की है, तो वह कर्नाटक के मुख्यमंत्री, गृह मंत्री और उप मुख्यमंत्री की है."
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चुनाव आयोग ने तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री और बीआरएस के अध्यक्ष के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) को अगले 48 घंटे के लिए प्रचार करने से रोक दिया है. उनके प्रचार न करने का समय बुधवार, 1 मई की शाम आठ बजे से शुरू होगा.
चुनाव आयोग का कहना है कि तेलंगाना कांग्रेस प्रदेश कमेटी के उपाध्यक्ष जी निरंजन ने 6 अप्रैल को एक शिकायत दी थी.
आयोग के मुताबिक़, इस शिकायत में निरंजन का कहना था कि केसीआर ने 5 अप्रैल को तेलंगाना के सिरसिल्ला में कांग्रेस के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया था.
शिकायत के बाद चुनाव आयोग ने तेलंगाना के चीफ इलेक्टोरल ऑफिस से रिपोर्ट मांगी.
रिपोर्ट मिलने के बाद 16 अप्रैल को चुनाव आयोग ने केसीआर को आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में कारण बताओ नोटिस जारी किया और एक लंबी प्रक्रिया के बाद अब चुनाव आयोग ने यह फैसला लिया है.
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Her मेनिफ़ेस्टो रिलीज़ की रिलीज़ और राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए महिलाओं का घोषणापत्र क्या है. ये देखने के लिए यहां क्लिक करें.

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पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए कहा है कि जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाना, यहां सबसे बड़ा मुद्दा है.
उन्होंने कहा, "2019 में बीजेपी ने अपना बहुमत इस्तेमाल करके गैर क़ानूनी फ़ैसला किया (अनुच्छेद 370 हटाया). लोग इसके ख़िलाफ़ हैं. यह लोगों को कबूल नहीं है. वो सबसे बड़ा मसला है इस वक्त, जम्मू और कश्मीर के लोगों का कि जम्मू और कश्मीर को एक जेल में तब्दील किया गया. कोई बात नहीं कर सकता है."
महबूबा मुफ्ती ने कहा, "जम्मू का डोगरा खुश नहीं है, लद्दाख का बौद्ध खुश नहीं है. कोई खुश नहीं है और कश्मीरियों को तो बहुत ही ज्यादा खौफ है."
उन्होंने कहा, "इसके अलावा पिछले पांच साल में तरक्की के नाम पर कुछ नहीं हुआ है. मैंने देखा कि सड़कों की हालात खराब है, खंडहर बन गई हैं. लोगों के पास बिजली नहीं है और बिजली फीस बहुत ज्यादा है. बेरोज़गारी बेकारी सबसे ज्यादा है."
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कथित यौन उत्पीड़न वीडियो मामले में कर्नाटक के हासन सीट से सांसद प्रज्वल रेवन्ना ने पहली बार अपना पक्ष रखा है.
प्रज्वल रेवन्ना पर यौन उत्पीड़न, सैकड़ों सेक्स वीडियो रिकॉर्ड करने, धमकाने और साज़िश रचने के आरोप हैं. कई वीडियो वायरल होने के बीच प्रज्वल रेवन्ना के जर्मनी जाने की बात सामने आई है.
सोशल मीडिया पर अपना पक्ष रखते हुए उन्होंने लिखा, "पूछताछ में शामिल होने के लिए मैं बेंगलुरु में मौजूद नहीं हूं, इसलिए मैं अपने वकीलों के जरिए सीआईडी बेंगलुरु के संपर्क में हूं. सच्चाई जल्द ही सामने आएगी."
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इससे पहले जनता दल (सेक्युलर) के विधायक एचडी रेवन्ना और उनके बेटे प्रज्वल रेवन्ना को विशेष जांच दल ने मंगलवार को नोटिस जारी किया था.
यह नोटिस कथित यौन शोषण के मामले में जारी किया गया है.
दोनों को एसआईटी के सामने पेश होने के लिए कहा गया है.
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रज्वल रेवन्ना के कथित यौन उत्पीड़न वीडियो को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं.
प्रज्वल रेवन्ना पर यौन उत्पीड़न, सैकड़ों सेक्स वीडियो रिकॉर्ड करने, धमकाने और साज़िश रचने के आरोप हैं.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर उन्होंने लिखा, "कर्नाटक में महिलाओं के साथ हुए वीभत्स अपराध पर भी नरेंद्र मोदी ने हमेशा की तरह शर्मनाक चुप्पी साध ली है. प्रधानमंत्री को जवाब देना होगा: सब कुछ जान कर भी सिर्फ वोटों के लिए उन्होंने सैकड़ों बेटियों का शोषण करने वाले हैवान का प्रचार क्यों किया?"
राहुल ने लिखा, "आखिर इतना बड़ा अपराधी बड़ी सहूलियत के साथ देश से फरार कैसे हो गया? कैसरगंज से कर्नाटक और उन्नाव से उत्तराखंड तक, बेटियों के गुनहगारों को प्रधानमंत्री का मूक समर्थन देश भर में अपराधियों के हौसले बुलंद कर रहा है. क्या मोदी के ‘राजनीतिक परिवार’ का हिस्सा होना अपराधियों के लिए ‘सुरक्षा की गारंटी’ है?"
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प्रज्वल रेवन्ना और उनके क़रीबियों का दावा है कि ये वीडियो एडिटेड और सही नहीं हैं.
कर्नाटक में प्रज्वल रेवन्ना, बीजेपी-जेडीएस गठबंधन के उम्मीदवार हैं. पिछली बार भी हासन लोकसभा सीट से जीतकर संसद पहुंचे थे.
प्रज्वल रेवन्ना पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के पोते हैं. प्रज्वल रेवन्ना के पिता कर्नाटक में विधायक हैं और चाचा पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारास्वामी हैं.
2019 के चुनाव में एचडी देवगौड़ा, प्रज्वल रेवन्ना (एचडी रेवन्ना के बेटे) के लिए हासन सीट छोड़ कर तुमकुर शिफ्ट हो गए थे.
कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश से बीते सप्ताह स्कूल सेवा आयोग की परीक्षा के जरिए भर्ती जिन 25 हजार से ज्यादा शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नौकरियां छिन गई थी उनको राज्य सरकार ने अप्रैल के वेतन का भुगतान कर दिया है.
सरकार ने पहले ही कहा था कि सुप्रीम कोर्ट में इस मामले का फैसला नहीं होने तक वह वेतन देना जारी रखेगी.
शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि मंगलवार से ही इन शिक्षकों के बैंक खाते में वेतन का भुगतान शुरू हो गया है.
सरकार ने हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. स्कूल सेवा आयोग और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने भी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अलग-अलग याचिकाएं दायर की हैं.
सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में सोमवार को इस मामले की पहली सुनवाई हुई थी.
अदालत ने राज्य मंत्रिमंडल के सदस्यों के खिलाफ सीबीआई जांच के हाई कोर्ट के आदेश पर तो रोक लगा दी है, लेकिन नौकरियां रद्द करने के फैसले पर फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं की है.
सुप्रीम कोर्ट ने इस पूरे मामले पर हैरानी जताई और सवाल किया कि मंत्रिमंडल ने आखिर अतिरिक्त पदों के सृजन को मंजूरी क्यों दी?
मुख्य न्यायाधीश ने इस मामले में राज्य सरकार से जवाबी हलफनामा दायर करने को कहा है.
अदालत का सवाल था कि जब ओएमआर शीट ही उपलब्ध नहीं है तो यह फैसला कैसे होगा कि किसने योग्यता के बल पर नौकरी हासिल की थी और कौन अयोग्य था?
फिलहाल अप्रैल का वेतन मिलने के बाद इन शिक्षकों ने राहत की सांस ली है, लेकिन उनके मन में आशंका बनी हुई है.
एक ऐसे शिक्षक ने सवाल किया कि इस महीने तो वेतन मिल गया, लेकिन यह कब तक मिलेगा? अगर सुप्रीम कोर्ट ने भी हाई कोर्ट के फैसले को बहाल रखा तो हम क्या करेंगे?
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने एक सवाल के जवाब में बताया कि रायबरेली और अमेठी से कांग्रेस प्रत्याशियों के नाम का एलान कब होगा.
मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, "कांग्रेस की सेंट्रल इलेक्शन कमेटी ने कांग्रेस अध्यक्ष जी को पूरा अधिकार सौंपा है कि वो जल्द से जल्द अमेठी और रायबरेली से कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवारों की घोषणा करें."
जयराम रमेश ने कहा, "मेरा मानना है कि अगले 24 घंटे के अंदर कांग्रेस अध्यक्ष इसकी घोषणा करेंगे… इसके अलावा तब तक जो भी जानकारी आ रही है वो सब गलत है."
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उत्तर प्रदेश की अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीट पर पांचवें चरण के तहत 20 मई को वोटिंग होगी.
कांग्रेस ने इन दोनों सीटों से अभी तक अपने उम्मीदवारों का एलान नहीं किया है. इस बीच दोनों सीटों पर नामांकन प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है, जो 3 मई तक चलेगी.
फिलहाल कांग्रेस पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी रायबरेली से सांसद हैं, वहीं 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी नेता स्मृति इरानी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अमेठी सीट पर हरा दिया था.
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कोविड-19 वैक्सीन कोविशील्ड के साइड इफेक्ट को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है.
उन्होंने कहा, "ये बात हम पहले भी कह रहे थे. न सिर्फ आज बल्कि बीच में एक्सपर्ट लोगों ने भी कहा और अब कोर्ट कह रहा है. जो आपदा में ढूंढते थे कि उन्हें कुछ मौका मिल जाए. आपने देखा कि बीजेपी ने वैक्सीन जैसी कंपनी ने भी चंदा वसूल लिया. सोचो उन पर क्या क्या गुजरती होगी, जिनके पास वैक्सीन लगने के बाद सर्टिफिकेट है. 80 प्रतिशत ऐसी आबादी है, जिसको ये वैक्सीन लगी है."
अखिलेश ने कहा, "ये सरकार ने लगवाई है. जिन लोगों(सरकार) ने लगवाई उन पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए, क्योंकि आम जनता की जान खतरे में डाल दी. वैज्ञानिक और एक्सपर्ट ये कहते हैं कि उसकी वजह से न सिर्फ हार्ट बल्कि और कुछ बीमारियां भी हो सकती हैं. इसका जवाब कौन देगा? ये आचार संहिता से बड़ा उल्लंघन किया है बीजेपी ने. ये हमारे और आपके स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया गया."
हाल ही में कोविशिल्ड बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड का एक बयान सामने आया था कि कुछ दुर्लभ मामलों में वैक्सीन लगने के बाद खून के थक्के और प्लेटलेट्स के कम होने की संभावना है.
भारत में कोविशिल्ड को पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ने बनाया था.
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इसके अलावा अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी की विदाई का समय अब आ गया है.
उन्होंने कहा, "आज एक मई है, लेबर डे दुनिया में मनाया जा रहा है. जिन नौजवानों को उन्होंने बेरोजगार रखा. लेबर ऑर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट कहती है कि भारत में 83 प्रतिशत लोग बेरोजगार हैं. किसान दुखी है, पेपर लीक किए हैं. इस बार बीजेपी आईसीयू में जाएगी और मई शुरू हो गई है, बीजेपी की विदाई होना तय है. जाना तय है."
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उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार कन्हैया कुमार ने बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल से मुलाकात की.
दिल्ली की कुल सात सीटों में से कांग्रेस तीन पर और 'आप' चार सीटों पर मिलकर चुनाव लड़ रही है.
मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए कन्हैया कुमार ने कहा, "वैसे तो राजनीति की भाषा में इसे शिष्टाचार मुलाकात कहते हैं, लेकिन मैं व्यक्तिगत तौर पर समझता हूं कि ये एक आत्मीय मुलाकात थी. देश में जो स्थिति है. जिस तरह तानाशाही चल रही है कि किसी को भी पकड़कर जेल में बिना वजह बंद कर देना."
"इस तानाशाही के खिलाफ हम लोग पिछले कई सालों से लड़ रहे हैं और तानाशाही के खिलाफ इस लड़ाई में हम एकजुट हैं. ये बताने के लिए कि इस लड़ाई को हम सब एकजुट होकर लड़ेंगे और देश में संविधान और लोकतंत्र को खत्म किया जा रहा है, उसे बचाएंगे."
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कन्हैया ने कहा, "हम 543 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं. इंडिया अलायंस के सभी घटक दल एकजुट है. दिल्ली की सभी सातों सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं. जो भी रणनीति बना रहे हैं वो किसी एक पार्टी या एक प्रत्याशी के लिए नहीं बना रहे हैं, वो दिल्ली के लिए, दिल्ली के लोगों के लिए बना रहे हैं."
"ये दिल्ली के लोगों के लिए आत्मसम्मान का सवाल है. किसी एक व्यक्ति को सांसद या प्रधानमंत्री बनाने का सवाल नहीं है. एक पार्टी की सरकार बनाने का सवाल नहीं है."
उन्होंने कहा, "हमने देखा कि सूरत, इंदौर और खजुराहो में क्या हुआ. मैं दिल्ली के लोगों को कह रहा हूं कि आप भाग्यशाली हैं कि आप वोट दे पा रहे हैं. आपके प्रत्याशी टिके हुए हैं. आप वोट दीजिए. आपके पास वोट देना का अधिकार रहेगा या नहीं, पूरे देश की सूरत, सूरत जैसी बन जाएगी इस पर चर्चा करनी चाहिए."
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भारतीय जनता पार्टी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की पार्टी यूनाइटेड रशिया पार्टी, बांग्लादेश की राष्ट्रपति शेख हसीना की आवामी लीग पार्टी, इसराइल की लिकुड पार्टी सहित 18 पार्टियों को बीजेपी ने चुनाव कैंपेन देखने के लिए आमंत्रित किया है.
बीजेपी ने बताया है कि दस देशों से राजनीतिक पार्टियां चुनाव अभियान का सीधा अनुभव लेने के लिए भारत आ रही हैं.
इन पार्टियों के प्रतिनिधि 1 मई को बीजेपी मुख्यालय में पार्टी अध्यक्ष जे.पी.नड्डा से मुलाकात करेंगे.
साथ ही वो डॉक्टर एस जयशंकर (विदेश मंत्री) और अश्विनी वैष्णव (केंद्रीय रेल मंत्री) के साथ भी बातचीत करेंगे. उन्हें चुनावी प्रक्रिया के साथ-साथ बीजेपी की चुनाव अभियान रणनीतियों के बारे में बताया जाएगा.
जिन पार्टियों को न्योता
ऑस्ट्रेलिया- लिबरल पार्टी
कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ वियतनाम
बांग्लादेश आवामी लीग
इसराइल की लिकुड पार्टी
युगांडा की नेशनल रेज़िस्टेंस मूवमेंट
यूनाइटेड रशिया पार्टी
तंज़ानिया- चामा चा मापिंदुज़ी
यहां देखिए पूरी लिस्ट
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अभिनेत्री रुपाली गांगुली बीजेपी में शामिल हो गई हैं. दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में आकर वह पार्टी में शामिल हुईं.
इस मौके पर उन्होंने कहा- “जब मैं विकास का महायज्ञ देखती हूं तो मुझे लगता है कि मुझे इसमें भाग लेना चाहिए. मुझे आपका आशीर्वाद चाहिए आपका सहयोग चाहिए. मैं मोदी जी के बताए रास्ते परचलना चाहती हूं.”
रुपाली गांगुली चर्चित धारावाहिक अनुपमा में मुख्य किरदार में रही हैं. वह कई शो और फिल्मों में नज़र आ चुकी हैं.
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चुनाव आयोग ने जम्‍मू-कश्‍मीर की अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट पर मतदान की तारीख बदल दी है.
दक्षिणी कश्मीर में पड़ने वाली इस लोकसभा सीट पर तीसरे चरण यानी 7 मई की बजाय अब छठवें चरण यानी 25 मई को वोटिंग होगी.
चुनाव आयोग का कहना है कि कुछ पार्टियों ने खराब मौसम और लॉजिस्टिक को वजह बताते हुए चुनाव की तारीख बदलने का आवेदन किया था.
बीजेपी और गुलाम नबी आज़ाद की 'अपनी पार्टी' उन पार्टियों में शामिल हैं जिन्होंने तारीख बदलने की अपील की थी.
इस सीट से पीडीपी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस से मियां अल्ताफ़ अहमद उम्मीदवार हैं.
बीजेपी ने कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है और मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बीजेपी आज़ाद की अपनी पार्टी के उम्मीदवार ज़फ़र इक़बाल को समर्थन दे सकती है.
ये घाटी की हाई प्रोफ़ाइल सीट मानी जा रही है.
चुनाव आयोग ने अपने बयान में कहा है कि, “12 अप्रैल को जारी की गई अधिसूचना में कहा गया था कि अनंतनाग-राजौरी सीट पर वोटिंग की तारीख 7 मई को निर्धारित की गई थी. अलग-अलग सियासी दलों ने लॉजिस्टिक, संचार और कनेक्टिविटी की बाधाओं का हवाला दिया था, जो चुनाव प्रचार में अवरोध पैदा कर रहे हैं जिसके बाद चुनाव की तारीख आगे बढ़ाई जा रही है. अब इस सीट पर चुनाव 25 मई को होंगी.”
इस फ़ैसले पर महबूबा मुफ़्ती की बेटी इल्तिजा मुफ़्ती ने एक्स पर लिखा, ''अनंतनाग – राजौरी चुनाव केवल इसलिए स्थगित कर दिया गया क्योंकि उन्हें डर है कि महबूबा मुफ़्ती भारी जीत हासिल करेंगी. वे संसद में निडर आवाज़ नहीं चाहते. लेकिन हम इस चुनौती को स्वीकार करते हैं और यह सुनिश्चित करेंगे कि इंशाअल्लाह वह बड़े अंतर से चुनाव जीतें''.
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बुधवार की सुबह दिल्ली और नोएडा के कई स्कूलों को उनके परिसर में बम होने की धमकी मिली. इसके बाद स्कूलों ने छुट्टी कर दी और बच्चों को घर भेज दिया गया.
ये धमकी ईमेल के ज़रिए भेजी गई. पुलिस ने इन स्कूलों पर पहुंच कर जांच की है.
नई दिल्ली के डीसीपी देवेश कुमार माहला ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पुलिस ने स्कूलों की जांच की है और कुछ भी नहीं मिला है.
उन्होंने कहा- “लोगों से अपील है कि शांति बनाए रखें हमने एहतियातन और शिकायत के आधार पर इन स्कूलों को चेक कर लिया है. और कुछ भी चिंताजनक नहीं मिला है. समझ सकते हैं कि जब बात बच्चों की आती है तो लोग पैनिक हो जाते हैं. लेकिन हम बताना चाहते हैं कि हमने पूरी जांच कर ली है चिंता की कोई बात नहीं है.”
दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने भी इसे लेकर एक्स पर लिखा है- “आज सुबह कुछ स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी मिली है. स्कूलों को खाली करा लिया गया है और दिल्ली पुलिस उन परिसरों की तलाशी ले रही है अभी तक किसी भी स्कूल में कुछ नहीं मिला.”
नोएडा के डीआइजी, एडिशनल सीपी (कानून-प्रशासन) शिवहरि मीना ने कहा है कि “डीपीएस नोएडा में बम होने की धमकी का ईमेल मिला, नोएडा पुलिस, फायर टेंडर और बम निरोधक दस्ते की टीमें मौके पर मौजूद हैं. छात्रों को घर वापस भेज दिया गया है. जांच चल रही है, अभी तक हमें कुछ नहीं मिला है.”
चाणक्यपुरी के संस्कृति स्कूल, मयूर विहार के मदर मैरी स्कूल, द्वारका के दिल्ली पब्लिक स्कूल ऐसे स्कूल थे जिन्हें धमकी वाले ईमेल मिलने की खबर सबसे पहले सामने आई.
इसके बाद दिल्ली और नोएडा के कई स्कूलों को इस तरह के ईमेल मिलने की बात सामने आई.
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हाल ही में आई वॉशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि बीते साल खालिस्तान समर्थक नेता और अमेरिकी नागरिक गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की नाकाम कोशिश में भारत की खुफ़िया एजेंसी रॉ शमिल थी.
इस रिपोर्ट को भारत ने ‘निराधार’ बताया है और अब अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने इस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया दी है.
अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वेदांत पटेल से सवाल पूछा गया कि वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट कहती है कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'इनर सर्कल को पन्नू की हत्या की कोशिश की जानकारी थी', इसे अमेरिका कैसे देखता है?
इसके जवाब में उन्होंने कहा- “हम भारत सरकार से भारतीय जांच कमेटी के नतीजों के आधार पर जवाबदेही की उम्मीद करते हैं. हम लगातार उनके साथ काम कर रहे हैं और अतिरिक्त जानकारियां भारत से मांग रहे हैं. हम भारत सरकार के साथ उच्च स्तर पर अपनी चिंताएं साझा करना जारी रखेंगे.”
“इससे ज्यादा हम इस मामले पर बात नहीं कर सकेंगे.”
अमेरिकी अख़बार वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी ताज़ा रिपोर्ट में दावा किया है कि अमेरिका में रहने वाले सिख अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की नाकाम साज़िश में भारत की ख़ुफ़िया एजेंसी रॉ के अधिकारियों की भूमिका थी.
मंगलवार को विदेश मंत्रालय ने इस रिपोर्ट पर बयान जारी कर कहा है- “रिपोर्ट एक गंभीर मामले पर अनुचित और निराधार आरोप लगा रही है. ”
बयान में कहा गया है, “संगठित अपराधियों, आतंकवादियों के नेटवर्क पर अमेरिकी सरकार की ओर से साझा की गई सुरक्षा चिंताओं के बाद भारत सरकार ने उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है जो मामले की जांच कर रही है. इसे लेकर अटकलें लगाना और ग़ैर ज़िम्मेदाराना बयान देना मददगार साबित नहीं होगा.”
अख़बार ने ये दावा भी किया है कि अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने भी ये आकलन किया है कि पन्नू को निशाना बनाने वाले ऑपरेशन को उस समय के रॉ प्रमुख सामंत गोयल से मंज़ूरी मिली थी.
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