BJP से अलग मेनका गांधी की रणनीति? चुनावी कैंपेन में नहीं राम मंदिर का जिक्र, मुस्लिमों को साधने की खास प्लानिंग – Jansatta

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Lok Sabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बीजेपी ने एक बार फिर चुनावी मैदान में उतारा है। वह इस बा सुल्तानपुर सीट से चुनाव लड़ रही हैं। मेनका की यह चुनावी लड़ाई दिलचस्प इसलिए भी है क्योंकि उनके बेटे और यूपी में पार्टी के बड़े नेता और पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी को चुनावी मैदान से दूर रखा गया है। ऐसे में अपनी राजनीतिक विरासत को संभालने के लिए मेनका गांधी को अपना किला फिर से जीतना ही होगा।
बता दें कि सुल्तानपुर की इस सीट पर करीब 17 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता हैं, यहां 25 मई को वोटिंग होनी है। माना जा रहा है कि मुस्लिम वोटर्स की इस संख्या के चलते ही मेनका गांधी के चुनावी कैंपेन में राम मंदिर को लेकर कोई जिक्र नहीं दिखता है। इसके विपरीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषणों में राम मंदिर का खूब जिक्र होता है। दिलचस्प यह भी है कि सुल्तानपुर से अयोध्या की दूरी 1 से डेढ़ घंटे की है।
अपने चुनावी कैंपेन को लेकर मेनका ने खुद कहा है कि मैंने राम मंदिर को मुद्दा नहीं बनाया है, उनका कहना है कि वह ज्यादा से ज्यादा अपने काम पर ही बात कर रही हैं। मेनका को इस क्षेत्र में “माताश्री” या “माता जी” कहते हैं। मेनका ने 2019 में सुल्तानपुर से एक स्थानीय प्रभावशाली नेता चंद्र भद्र सिंह के खिलाफ लगभग 14,000 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी।
हालांकि 2019 के उस चुनाव में उन्हें बीएसपी और सपा के गठबंधन का नुकसान भी हुआ था। पीलीभीत से यहां आने के बाद बेटे वरुण के लिए सीट खाली करने के बाद सुल्तानपुर से यह उनका पहला चुनाव था। इस बार मेनका को दोनों मुख्य मोर्चों पर ओबीसी प्रतिद्वंद्वियों का सामना करना पड़ रहा है, जबकि कांग्रेस-सपा के उम्मीदवार राम भुआल निषाद हैं। इस सीट पर निषादों की संख्या लगभग 2.5 लाख है। बसपा ने उदय राज वर्मा को टिकट दिया है, जो कि कुर्मी समाज से आते हैं।
बीजेपी के शीर्ष नेताओं में नरेंद्र मोदी या अमित शाह ने अभी तक उनके लिए प्रचार नहीं किया है। मुख्यमंत्री योगी बुधवार को यहां चुनाव प्रचार के लिए आने वाले हैं। शाह ने 2019 में उनके लिए प्रचार किया था। शनिवार को, भाजपा के साथी और NISHAD पार्टी के प्रमुख संजय निषाद और भाजपा के दलित चेहरे, असीम अरुण ने उनके लिए चुनाव प्रचार किया था।
मेनका का कहना है कि वह पार्टी के समर्थन से खुश हैं, क्योंकि हर कोई कड़ी मेहनत कर रहा है। कुछ लोग उनकी मदद के लिए यहां पीलीभीत से भी आए हैं। मोदी सरकार के खिलाफ आक्रामक बयान देकर चर्चा में रहने वाले वरुण गांधी भी 23 मई को मौजूद रह सकते हैं। मेनका का कहना है कि वह पहले आना चाहते थे लेकिन “अन्य व्यस्तताओं में व्यस्त थे।

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