बिहार में चुनावी सभा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण को पंजाब के संगरूर से कांग्रेस के उम्मीदवार सुखपाल खैहरा ने नफरत भरा करार दिया है। सुखपाल खैहरा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनके शब्दों को गलत तरीके से प्रधानमंत्री ने पेश किया। उनके
सुखपाल खैहरा ने अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर कर कहा कि, आज एक रैली के दौरान बिहार के लोगों को भड़काने के लिए मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश करने वाले पीएम मोदी के नफरत भरे भाषण को देखकर मुझे बेहद दुख हुआ। प्रधानमंत्री ने कहा कि पंजाब का एक कांग्रेस नेता पंजाब में बिहारियों के काम करने का बहिष्कार करने के लिए कह रहा है। सबसे पहले तो यह कि मैंने अपने किसी भी भाषण में कभी भी बिहारी शब्द का उल्लेख नहीं किया और न ही उनके बहिष्कार का उल्लेख किया।
मैं हिमाचल प्रदेश जैसे कानून की वकालत कर रहा हूं जो बाहरी लोगों को जमीन खरीदने, मतदाता बनने या राज्य की शर्तों को पूरा किए बिना सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करने से रोकता है। अगर यादृच्छिक रूप से अनुमति दी गई तो यह हिमाचलियों की पहचान को प्रभावित करेगा और उनकी जनसांख्यिकीय स्थिति को खराब कर देगा।
अगर कोई गैर पंजाबी पंजाब में आजीविका कमाना चाहता है तो हमें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन अगर वह स्थायी रूप से बसना चाहता है तो उसे हिमाचल प्रदेश किरायेदारी अधिनियम 1972 के समान शर्तों को पूरा करना होगा।
पंजाब के लिए जरूरी हिमाचल जैसा कानून
अपनी पोस्ट में खैहरा ने एक बार फिर पंजाब के लिए हिमाचल जैसे कानून की वकालत की है। उन्होंने कहा कि ऐसा कानून पंजाब में और भी महत्वपूर्ण है क्योंकि हमारी सरकार हरियाणा, दिल्ली आदि के लोगों द्वारा नौकरियां ली जा रही हैं। इस उद्देश्य के लिए मैंने जनवरी 2023 में विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर एक निजी सदस्य विधेयक पेश किया है, लेकिन मुझे AAP सरकार से कोई सकारात्मक या नकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
पंजाबियों की जनसांख्यिकीय खतरे में
खैहरा ने कहा कि दुनिया भर में पंजाबियों के बड़े पैमाने पर प्रवासन के कारण हमारी जनसांख्यिकीय स्थिति खतरे में है। माननीय प्रधानमंत्री को यह भी याद दिलाना चाहता हूं कि हिमाचल प्रदेश जैसा एक समान कानून उनके गृह राज्य गुजरात में भी मौजूद है और भाजपा ने उत्तराखंड में भी शासन किया है। आश्चर्य है कि वह केवल राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए हमारे प्रस्ताव का विरोध क्यों कर रहे हैं।
उन्होंने भाजपा की गुजरात सरकार को चुनौती देता हुए कहा कि वे कच्छ गुजरात के सिख किसानों से उनकी जमीन क्यों लूट रही है। उन्होंने स्वर्गीय पीएम लाल भदौर शास्त्री के कहने पर विकसित की थी। मुझे आशा है कि मैंने अपनी स्थिति स्पष्ट रूप से स्पष्ट कर दी है।
बिहार में भाषण देते हुए खैहरा के बयान का किया था जिक्र
पंजाब के संगरूर से कांग्रेस के उम्मीदवार सुखपाल खैहरा के बिहारियों का बहिष्कार करने वाले बयान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिन I.N.D.I. A. गठबंधन को घेरा था। बिहार में एक जनसभा में उन्होंने सुखपाल खैहरा के बयान का जिक्र किया और गांधी परिवार की इस पर चुप्पी पर निशाना साधा।
उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में आयोजित एक जनसभा के दौरान कहा कि ये लोग बिहार के परिश्रमी साथियों का अपमान करने में जुटे हैं। पंजाब में कांग्रेस के एक नेता हैं, दिल्ली में कांग्रेस के शाही परिवार के ये खासमखास हैं। पंजाब के कांग्रेस के ये नेता कहते हैं कि बिहार के लोगों का पंजाब में बहिष्कार करना चाहिए। ये कांग्रेस वाले नेता बोल रहे हैं और बिहार में RJD वाले इनके साथ यहां वोट मांग रहे हैं।
क्या था मामला-
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही सुखपाल खैहरा ने एक इंटरव्यू में प्रवासी मजदूरों पर बयान दिया था। जिसमें उन्होंने बिहार व यूपी से पंजाब आकर रोजगार कमाने वालों को कहा था कि यह लोग पंजाब पर कब्जा कर पंजाबीयत खत्म कर देंगे। पंजाब पंजाबियों का है। यहां पर गैर पंजाबी यानी दूसरे राज्यों से आने वालों को वोट का अधिकार नहीं होना चाहिए। न उन्हें पंजाब में नौकरी मिले और न ही घर बनाने देना चाहिए।
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बिहार में चुनावी सभा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण को पंजाब के संगरूर से कांग्रेस के प्रत्याशी सुखपाल खैहरा ने नफरत भरा करार दिया है। सुखपाल खैहरा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनके शब्दों को गलत तरीके से प्रधानमंत्री ने पेश किया। उनके भाषण से उन्हें दुख हुआ है। खैहरा ने प्रधानमंत्री के भाषण पर पोस्ट शेयर कर अपनी प्रतिक्रिया भी दी है। पूरी खबर पढ़ुें
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